शहर के बीच से निकल रही बाईं मुख्य नहर दुर्दशा का शिकार

शहर में चल रहा विकास, यहां हो रही बेकद्री

शहर के बीच से निकल रही बाईं मुख्य नहर दुर्दशा का शिकार

शहर में इस समय करोड़ों रुपए के विकास कार्य चल रहे हैं। सौंदर्यीकरण के तहत शहर के प्रमुख चौराहों को चमकाया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर शहर के बीच से गुजरने वाली बाईं मुख्य नहर बेकद्री का शिकार हो रही है।

कोटा। शहर में इस समय करोड़ों रुपए के विकास कार्य चल रहे हैं। सौंदर्यीकरण के तहत शहर के प्रमुख चौराहों को चमकाया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर शहर के बीच से गुजरने वाली बाईं मुख्य नहर बेकद्री का शिकार हो रही है। नहर की मरम्मत पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

कोटा बैराज से जुड़ी बाईं मुख्य नहर काफी समय से दुर्दशा का शिकार हो रही है। बाईं मुख्य नहर में चारों तरफ बड़ी-बड़ी घास उगी हुई है वही इसकी दोनों तरफ की सुरक्षा दीवारें भी टूटी हुई है। इस नहर की बरसों से साफ सफाई नहीं हो पाई जिससे नहर में पूरा जंगल उग आया है। नहर की सुरक्षा दीवार कई जगह से क्षतिग्रस्त हो रही है वही कुछ स्थानों पर तो वह गायब भी हो गई है। सुरक्षा दीवारें जर्जर होने के कारण यहां पर कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। सीएडी विभाग द्वारा न तो जर्जर नहर की मरम्मत करवाई जा रही है और न ही इसकी साफ-सफाई पर ध्यान दिया जा रहा है। इस संबंध में सीएडी के अधीक्षण अभियंता हरित लाल मीणा ने बताया कि इस समय नहर से जुड़ी ड्रेनों की साफ सफाई की जा रही है। बजट आने पर नहर की भी मरम्मत करवा दी जाएगी।

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