मोदी सरकार ने बदला खेल रत्न पुरस्कार का नाम, अब मेजर ध्यानचंद के नाम से दिया जाएगा अवॉर्ड
केंद्र की मोदी सरकार ने प्रतिष्ठित खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदलकर मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार कर दिया है। पहले यह पुरस्कार पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नाम पर राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है।
नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार ने प्रतिष्ठित खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदलकर मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार कर दिया है। पहले यह पुरस्कार पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नाम पर राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। मोदी ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा कि देश को गर्वित कर देने वाले पलों के बीच अनेक देशवासियों का ये आग्रह भी सामने आया है कि खेल रत्न पुरस्कार का नाम मेजर ध्यानचंद जी को समर्पित किया जाए। लोगों की भावनाओं को देखते हुए, इसका नाम अब मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार किया जा रहा है। जय हिंद! प्रधानमंत्री ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि मेजर ध्यानचंद भारत के प्रमुख खिलाड़ियों में शुमार थे। उन्होंने देश को सम्मान और गौरव दिलाया। यह उचित है कि हमारे देश के सर्वोच्च खेल सम्मान का नाम उनके नाम पर रखा जाए।
मेजर ध्यानचंद हॉकी के शानदार खिलाड़ी के रूप में दुनिया भर में विख्यात थे और उन्हें हॉकी का जादूगर कहा जाता है। मेजर ध्यानचंद के खेल की बदौलत ही भारत ने विश्व स्तर पर हॉकी में बादशाहत साबित की थी और 1928, 1932 और 1936 ओलंपिक खेलों में स्वर्ण पदक जीता था। उनके जन्मदिन (29 अगस्त) को भारत में राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसी दिन हर साल खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए पुरस्कार दिए जाते है। राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार भारतीय खेलों का सर्वोच्च पुरस्कार है। सरकार ने 1991-92 में इसकी शुरुआत की थी। इसे जीतने वाले खिलाड़ी को प्रशस्ति पत्र, अवॉर्ड और 25 लाख रुपए की राशि दी जाती है।
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