बकरा मंडी लगी, 80 हजार तक के बकरे
मुस्लिम परिवार बकरों की कुर्बानी देता है
ईद-अल-जुहा यानी बकरीद को लेकर मुस्लिम समाज के लोगों में खासा उत्साह है। हर साल बकरीद के दिन बकरों की कुर्बानी दी जाती है। इसके लिए हर मुस्लिम परिवार अपने घर में बकरों की कुर्बानी देता है।
जयपुर। ईद-अल-जुहा यानी बकरीद को लेकर मुस्लिम समाज के लोगों में खासा उत्साह है। हर साल बकरीद के दिन बकरों की कुर्बानी दी जाती है। इसके लिए हर मुस्लिम परिवार अपने घर में बकरों की कुर्बानी देता है। इसलिए हर व्यक्ति अपनी आमदनी और खर्चे के अनुसार बकरों की खरीद करता है। बकरीद से पांच दिन पहले ईदगाह रोड पर सबसे बड़ी और सबसे पुरानी बकरा मंडी लग गई है। दो साल बाद यह मंडी चैनपुरा में शिफ्ट कर दी गई थी, लेकिन अब हालात सुधरने के कारण इस बार फिर से ईदगाह में बकरा मंडी लगी है। इसके अलावा झोटवाड़ा और सांगानेर सहित कई मुस्लिम बहुल इलाकों में भी छोटी-छोटी बकरा मंडियां लगना शुरू हो गई है।
18 से 80 हजार तक के बकरे
इस बार भी अच्छी खासी तादाद में दूर दराज से बकरा पालक अपने बकरों को बेचने के लिए यहां आए हैं। यहां 15 किलो से लेकर 100 किलो तक के बकरे बिकने के लिए आ चुके हैं। इन बकरों की कीमत उनके वजन के हिसाब से 18 हजार से 80 हजार तक है। हालांकि अभी बकरीद में कुछ दिन बचे हैं, ऐसे में अभी बकरा खरीद को लेकर यहां भीड़ कम है। रविवार को बकरीद होने के कारण यहां अच्छी खासी भीड़ जुटने का अंदेशा है। शाहपुरा से बकरा बेचने आए उस्मान ने बताया कि कोरोना के कारण दो साल यहां मंडी ना के बराबर लगी, लेकिन इस बार यहां पहले की तरह रौनक है। बकरों के भाव में भी तेजी है, जिसका कारण महंगाई है।
कसाइयों की बढ़ी डिमांड
बकरीद के दिन बकरों के बाद सबसे ज्यादा डिमांड कसाइयों की होती है। लोगों ने अपने बकरों की कुर्बानी के लिए अभी से कसाइयों को बुक करना शुरू कर दिया है। इस बार कसाइयों ने भी बकरों की कुर्बानी के लिए अपने दाम बढ़ा दिए हैं, जो कसाई पहले एक हजार से 1200 रुपए प्रति बकरा कुर्बानी के लिए ले रहे थे। वे इस बार 1500 से 2000 तक में बुक हो रहे हैं।
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