कॉलोनियों की सड़कें बढ़ा रही दर्द, मोटर बिना नहीं आता पानी

सेक्टर-2 में गंदगी व सड़कों के गड्ढ़े बने मुसीबत : सेक्टर-3 में कम दबाव से जलापूर्ति, लोग परेशान

कॉलोनियों की सड़कें बढ़ा रही दर्द, मोटर बिना नहीं आता पानी

शहर में कई कॉलोनियां ऐसी भी हैं जो सालों पहले बस तो गईं लेकिन यहां रहने वाले बाशिंदों को आज भी मूलभूत सुविधाओं का लाभ नहीं मिल रहा। ऐसे ही हालात विज्ञाननगर के वार्ड 57 के बने हुए है। यहां समस्याएं लोगों के जीवन पर हावी हैं।

कोटा। शहर में कई कॉलोनियां  ऐसी भी हैं जो सालों पहले बस तो गईं लेकिन यहां रहने वाले बाशिंदों को आज भी मूलभूत सुविधाओं का लाभ नहीं मिल रहा। ऐसे ही हालात विज्ञाननगर के वार्ड 57 के बने हुए है। यहां समस्याएं लोगों के जीवन पर हावी हैं। चाहे फिर वह पानी की समस्या हो या गंदगी की। सड़क, बिजली व पेयजल आपूर्ति सहित कई परेशानियों से गुजर रहे हैं। नवज्योति ने वार्डों में  जाकर लोगों की समस्याएं जानी तो उन्होंने खुलकर अपनी पीड़ा बयां की। वार्ड के सेक्टर-2 व 3 की कॉलोनियों  की प्रमुख सड़कों पर गहरे गडढे हो रह हैं। वहीं, ड्रेनेज सिस्टम नहीं होने से बरसात का पानी कॉलोनियो ंमें भरा रहता है। जिससे मच्छर जनित बीमारियों का अंदेशा लगा रहता है। इसके अलावा सेक्टर दो स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय के सामने पार्क बदहाली का शिकार हो रहा है। पार्क  की  चारदीवारी टूट चुकी है। दिन में आवारा मवेशियों का तो रात में असमाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है। वहीं, गंदगी व कीचड़ होने से दुर्गंध रहती है जिससे स्थानीय बाशिंदों का रहना दुश्वार हो रहा है।

यह है वार्ड क्षेत्र
वार्ड 57 में विज्ञान नगर की कई कॉलोनियां आती हैं, जिनमें सेक्टर-2 व 3, जैन मंदिर के पीछे का इलाका, नगर निगम सेक्टर कार्यालय, ईएसआई हॉस्पिटल, अयप्पा मंदिर, माहेश्वरी भवन, सिंधु अस्पताल, लॉयंस क्लब व न्यू मोटर मार्केट का इलाका शामिल है।

कम दबाव से होती है जलापूर्ति 
 विज्ञान नगर सेक्टर-3 कॉलोनी काफी अरसे पहले ही बस गई थी। लेकिन ड्रेनेज सिस्टम का ख्याल नहीं रखा जाने से बरसाती पानी की निकासी नहीं हो पाती।  नतीजन, घरों की दहलीज पर पानी जमा रहता है, जिनमें गंभीर बीमारियों का लार्वा पनपता है। वहीं, बिजली आने-जाने का कोई समय निर्धारित नहीं है। दिनभर में कभी भी बिजली बाधित हो जाती है। 
-मुकेश मेवाड़ा, सेक्टर-3 निवासी 

सड़कों पर हो रहे गड्ढ़े
 गांधीगृह सेक्टर-2 व 3 की कॉलोनियों के प्रवेश मार्ग पर जगह-जगह गड्ढे हो रहे हैं। वहीं, स्पीड ब्रेकर भी क्षतिग्रस्त हो गए। यहां से गुजरने के दौरान दुपहिया वाहनों के पार्ट्स डेमेज हो रहे हैं। जिससे वाहनों का अनावश्यक मेंटिनेंस बढ़ रहा है। वहीं, बाइक गड्ढ़ों से गुजरने के दौरान रीड की हड्डी में तकलीफ होती है। बरसात के दिनों में मुश्किलें और बढ़ गई। सड़कों पर पानी भरा होने से गड्ढे दिखाई नहीं देते, जिसकी वजह से हादसा घटित हो जाता है।
-ललित सिंह बेस, सेक्टर-2 निवासी

चिल्ड्रन पार्क बना मवेशियों का अड्डा
 राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के ठीक सामने चिल्ड्रन पार्क है, यहां स्कूल के बच्चे खेलते थे। मोहल्लेवासियों व विद्यार्थियों ने पार्क को सुंदर बनाने के लिए पौधे व घास लगाई। चारदीवारी टूटने से यह मवेशियों का अड्डा बन गया। सारे पौधे-घास नष्ट हो गए। पार्क की चारदीवारी क्षतिग्रस्त हो चुकी है, कचरे का ढेर लगा है। झूले में लगी लोहे की चैन भी असमाजिक तत्व चुरा ले गए। 
-हितेश कुमार, सेक्टर-3 निवासी

मयूखेश्वर मंदिर के पास गंदगी का ढेर
 विज्ञान नगर स्थित मयूखेश्वर मंदिर के आसपास गंदगी का ढेर लगा है। मंदिर के पीछे वाली कॉलोनी के रास्ते पर कीचड़ फैला है। सीवरेज पाइप लाइन डालने के लिए पूरी सड़क को आधी-अधूरी खोद डाली। जिससे नालियों का पानी सड़क पर भर गया। जिससे गड्ढे दिखाई नहीं दे रहे। यहां से बाइक गुजरने के दौरान हादसे का डर लगा रहता है। साथ ही बीमारियों का भी खतरा रहता है।
-चेतन कुमार, सेक्टर-2 निवासी

 सेक्टर-2 व 3 में कम दबाव से जलापूर्ति की शिकायत थी, जिस पर यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के प्रयास से जलदाय विभाग द्वारा 850 मीटर पाइप लाइन डलवाई गई। सीवरेज लाइन के चलते कॉलोनियां के रास्ते खुदे पड़े हैं, काम जल्द खत्म करवाकर सीसी सड़क बनाने के लिए आरयूआईडीपी के एसई राकेश गर्ग से आग्रह किया है। एक करोड़ के बजट से हनुमान वाटिका, चिल्ड्रन व बाबा पार्क में निर्माण कार्य करवा रहे हैं। साथ ही चारदीवारी, रेलिंग व फुटपाथ बनवा रहे हैं। साथ ही गायत्री, अजय आहूजा व मयूखेश्वर पार्क में महिला स्नानघर का निर्माण करवा रहे हैं। वहीं, महात्मा गांधी व अन्य पार्कों में नई बैंच व झूले लगवाना प्राथमिकता है। -  कपिल शर्मा, पार्षद वार्ड 57

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