दस साल पहले मध्य प्रदेश से लाए थे ‘नाहर’ को, अब वहीं से ‘शिवाजी’ भी
स्टाफ ने बताया मटन का शौकीन है
दस साल पहले (साल 2011-12) मध्य प्रदेश से वन्यजीव एक्सचेंज कार्यक्रम के तहत नर बाघ नाहर को लाया गया था।
जयपुर। दस साल पहले (साल 2011-12) मध्य प्रदेश से वन्यजीव एक्सचेंज कार्यक्रम के तहत नर बाघ नाहर को लाया गया था। अब उसी राज्य से फिर 4 वर्षीय मेल टाइगर ‘शिवाजी’ को लेकर वन विभाग की टीम नाहरगढ़ जैविक उद्यान पहुंची। फर्क सिर्फ इतना है कि नाहर को एमपी के भोपाल से लाया गया था, वहीं अब शिवाजी को एमपी के ग्वालियर स्थित गांधी जूलोजिकल पार्क से लाया गया है। इससे पहले जूलोजिकल पार्क के स्टाफ ने बताया कि इसे खाने में मटन बहुत पसंद है। इसलिए इसे डेली रूटीन डाइट के अलावा सप्ताह में एक बार मटन जरूर दीजिएगा। नाहरगढ़ जैविक उद्यान में शिवाजी को पिंजरा नम्बर 16 में रखा गया है।
यही था सबसे यंग
वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरविंद माथुर ने बताया कि गांधी जूलोजिकल पार्क में करीब 8 टाइगर हैं। इनमें शिवाजी सबसे यंग (4 साल) था। बाकि बाघों की उम्र 8 से 14 साल के बीच थी। यहां शिवाजी को रोज डाइट में 6-6 किलो बफेलों और चिकन दिया जाएगा। सप्ताह में एक बार उसका पसंदीदा मटन दिया जाएगा। तीन सप्ताह तक इसे क्वारंटाइन रखा जाएगा। इसका नेचर कूल है। क्वारंटाइन का समय पूरा होने के बाद इसे ओडिशा से लाई बाघिन रानी के पास वाले पिंजरे में रखना शुरू किया जाएगा। आने वाले समय में यही जोड़ा टाइगर सफारी की अगुवाई करेगा।
महाराष्ट से एक्सचेंज प्रपोजल को स्वीकृति का इंतजार
जानकारी के अनुसार अब महाराष्ट से एक्सचेंज प्रपोजल को सीजेडए से स्वीकृति मिलने का इंतजार है। इसे अपू्रवल मिलने के बाद महाराष्ट से दो बाघिनें लाई जा सकती हैं।
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