यूनेस्को की शान्ति दूत साक्षी बंसल को डायना पुरस्कार

राजस्थान के माउंट आबू की निवासी है साक्षी

यूनेस्को की शान्ति दूत साक्षी बंसल को डायना पुरस्कार

नई दिल्ली। जब दिलों में कुछ कर गुजरने का जज्बा हो और हौसलों से उड़ने की ताकत, तो कोई राह मुश्किल नहीं रहती। हौसले से उड़ान भरने वाली ऐसी ही शख्सियत हैं साक्षी बंसल। जो अपने कार्यों से युवाओं के लिए प्रेरणा बनती रही हैं। यूनेस्को की शान्ति दूत साक्षी बंसल को हाल ही अपने उल्लेखनीय सामाजिक कार्यों के लिए प्रतिष्ठित डायना अवार्ड से सम्मानित किया गया है।

नई दिल्ली। जब दिलों में कुछ कर गुजरने का जज्बा हो और हौसलों से उड़ने की ताकत, तो कोई राह मुश्किल नहीं रहती। हौसले से उड़ान भरने वाली ऐसी ही शख्सियत हैं साक्षी बंसल। जो अपने कार्यों से युवाओं के लिए प्रेरणा बनती रही हैं। यूनेस्को की शान्ति दूत साक्षी बंसल को हाल ही अपने उल्लेखनीय सामाजिक कार्यों के लिए प्रतिष्ठित डायना अवार्ड से सम्मानित किया गया है। मात्र 24 वर्ष की छोटी सी उम्र की साक्षी के कामों की फेहरिस्त बहुत लम्बी है। अपने कार्यों के माध्यम से सामाजिक परिवर्तन का चेहरा बनने वाली यह महिला फिलहाल लंदन में रहती है। उल्लेखनीय है कि दिवंगत राजकुमारी डायना की स्मृति में द डायना अवार्ड संस्था द्वारा यह पुरस्कार राजकुमारी के पुत्रों के सहयोग से दिया जाता है। सकारात्मक सामाजिक बदलाव के लिए अपनी सीमाओं और क्षमताओं से परे जाकर कार्य करने वाली उत्साही युवा शक्ति को दिया जाने वाला यह पुरस्कार विश्व भर में प्रतिष्ठित है।  पुरस्कार पाने वाली साक्षी बंसल मूल रूप से राजस्थान के माउंट आबू की निवासी हैं और सामाजिक कार्यकर्ता होने के साथ साथ एक प्रतिष्ठित एवं प्रशिक्षित मनोवैज्ञानिक, रचनाधर्मी एवं सलाहकार हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे नवीनतम क्षेत्र में अपनी सलाह से वे कई स्टार्टअप्स को राह दिखा रही हैं। एसोसिएशन ऑफ बिजनेस साइकोलॉजी (यू के) एवं यूरोपीयन एसोसिएशन ऑफ वर्क एंड ओर्गनइजेशनल साइकोलॉजी से मान्यता प्राप्त साक्षी के लेख विश्व भर में प्रकाशित होते रहे हैं। मात्र 19 वर्ष की उम्र में प्रोजेक्ट लीप की स्थापना कर साक्षी ने अपने जीवन की दिशा तय कर ली थी, जब अपने दिल्ली निवास के दिनों में उन्होंने अपने आसपास हजारों लोगों को गरीबी और अशिक्षा से घिरा पाया। उसी समय उन्होंने सोच लिया था कि अशिक्षा के इस कुचक्र से लोगों को निकालने का भरसक प्रयास करेंगी।

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