बॉलीवुड में आना इंसिडेंट, जॉब करके खुश रहना चाहती थी : तापसी पन्नू
मेरे जीवन पर फिल्म बनेगी, विश्वास नहीं होता : मिताली
मेरा बॉलीवुड में आना इंसिडेंट से कम नहीं है। शुरुआत में जॉब करके खुश रहना चाहती थी। इंडस्ट्री में 12 साल हो गए हैं। कुछ भी प्लान नहीं था। कोई गाइड करने वाला नहीं था और न ही कोई सपोर्ट था। शायद मैं यहां इसलिए हूं, क्योंकि पब्लिक मुझे देखना चाहती है।
जयपुर। मेरा बॉलीवुड में आना इंसिडेंट से कम नहीं है। शुरुआत में जॉब करके खुश रहना चाहती थी। इंडस्ट्री में 12 साल हो गए हैं। कुछ भी प्लान नहीं था। कोई गाइड करने वाला नहीं था और न ही कोई सपोर्ट था। शायद मैं यहां इसलिए हूं, क्योंकि पब्लिक मुझे देखना चाहती है। ये कहना बॉलीवुड एक्ट्रेस तापसी पन्नू का। तापसी रविवार को अपनी अपकमिंग फिल्म ‘शाबाश मिट्ठू’ के प्रमोशन के सिलसिले में शहर के एक होटल में मीडिया से रूबरू हुईं। इस दौरान उनके साथ महिला क्रिकेटर मिताली राज भी साथ मौजूद थीं। गौरतलब है कि ये फिल्म मिताली राज के जीवन पर आधारित है। वंडर सीमेंट के डायरेक्टर विवेक पाटनी ने कहा कि फिल्म से जुड़ना किसी सम्मान से कम नहीं है। फिल्म के जरिए वंडर सीमेंट हर महिला क्रिकेटर की ताकत दर्शाना चाहता है।
पहले दिन बैट पकड़ने में लग गए दो घंटे
तापसी ने कहा कि फिल्म में मिताली की जिंदगी को वैसा ही दिखाया है, जैसी उनकी जिंदगी थी। इसमें कुछ भी अदल-बदल नहीं है। निर्माता चाहते थे कि मैं क्रिकेट सीखूं। मैं उत्साहित थी क्योंकि वुमन क्रिकेट पर पहली बार फिल्म बन रही थी। जब क्रिकेट खेलना पड़ा तो लगा कि लाइफ में पहले क्रिकेट क्यों नहीं खेला और नहीं खेला तो मूवी के लिए हां क्यों किया। क्योंकि पहले दिन के दो घंटे तो सिर्फ बैट पकड़ने में ही निकल गए। मैं मिताली के फैंस को निराश नहीं कर सकती थी। फिल्म के साथ जस्टिस करने के लिए बहुत मेहनत की है।
पिता की वजह से क्रिकेटर बनीं, क्लासिकल डांस करती थी: मिताली
मिताली राज ने कहा कि मैं क्लासिकल डांस सीखती थी, लेकिन मेरे पिता ने मुझे क्रिकेट में डाला और कम उम्र से ही क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया। मैंने गली क्रिकेट कभी नहीं खेला। जब फिल्म के लिए आॅफर आया तो मजाक लगा और विश्वास नहीं हुआ, उसे सीरियस नहीं लिया। इसके बाद जब मुझे विश्वास दिलाया गया तो हां कर दी। इसके बाद पता चला कि तापसी मेरा रोल करने वाली हैं तो शक था कि क्या वे बैटिंग कर पाएंगी? तापसी ने बहुत कम समय में सब कुछ सीख लिया। महिला क्रिकेट में बहुत बदलाव आया है। महिलाओं के आईपीएल शुरू हो गए हैं और ये अच्छा समय है महिला क्रिकेट के लिए।
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