इधर क्रिकेट का बढ़ रहा क्रेज, उधर खेलों के साथ हो रहा खेल

यहां होती है क्रिकेट के खिलाड़ियों की पौध तैयार, नए क्लब जुड़े तो बने बात

इधर क्रिकेट का बढ़ रहा क्रेज, उधर खेलों के साथ हो रहा खेल

गांव-गांव,गली-गली से क्रिकेटरों की पौध को पेड़ बनाने के लिए कोटा का जेके पवेलियन अंतरराष्टÑीय क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण हुआ है। इस क्रिकेट स्टेडियम से खेलकर सैंकड़ों खिलाड़ियों ने राष्टÑीय, अंतरराष्टÑीय स्तर पर पहचान बनाई है। वहीं इस खेल मैदान से एक दर्जन से ज्यादा खिलाड़ियों का रणजी में चयन हो चुका है। लेकिन पिछले पांच वर्षों से क्रिकेट के इस खेल के साथ ही खेल खेला जा रहा है।

कोटा। देश के लिए क्रिकेट खेलना हर क्रिकेटर का सपना होता है। कुछ का ये सपना पूरा तो कुछ का अधूरा रह जाता है। वजह है सुविधाओं का अभाव और आर्थिक स्थिति के संकट से गुजरना। शायद इसी कमी को पूरा करने और गांव-गांव , गली-गली से क्रिकेटरों की पौध को पेड़ बनाने के लिए कोटा का जेके पवेलियन अंतर्राष्टÑीय क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण हुआ है। इस क्रिकेट स्टेडियम से खेलकर सैंकड़ों खिलाड़ियों ने राष्टÑीय, अंतर्राष्टÑीय स्तर पर पहचान बनाई है और कोटा का नाम देशभर में रोशन किया है। शाम होते ही इस खेल मैदान में क्रिकेट के साथ-साथ अन्य खेलों के खिलाड़ी भी खेलते हुए दिखाई देते है। वर्तमान में इस खेल मैदान पर 200 के करीब खिलाड़ी क्रिकेट का अभ्यास करते है। कोटा के लोगों को इस खेल मैदान में रजवाड़ा क्रिकेट लीग, आरसीएल जैसे अनेक क्रिकेट मुकाबलों के चौके-छक्के देखने को मिलते है। वहीं इस खेल मैदान से एक दर्जन से ज्यादा खिलाड़ियों का रणजी में चयन हो चुका है। लेकिन पिछले पांच वर्षों से क्रिकेट के इस खेल के साथ ही खेल खेला जा रहा है। इस मैदान में अब बल्लेबाजों के चौके-छक्के देखने को बहुत कम देखने को मिलते है। इसे क्रिकेट के खिलाड़ियों में निराशा है।

इन खिलाड़ियों ने खेली रणजी
कोटा के खिलाड़ी दिव्य प्रताप, नरेश नामा, अमर सिंह नेगी, दलीप चावला,सुभाशुं विजय, संजय भारती, भारत भूषण ने रणजी में खेलकर कोटा का नाम प्रदेश में ही नहीं देश-विदेश में रोशन किया है। इसके साथ ही इस कड़ी में नए खिलाड़ी परिषेक जांगिड़, विनोद, गर्वित भारद्वाज मोंटी सहित अनेक खिलाड़ी राष्टÑीय स्तर पर खेलकर अच्छा प्रदर्शन कर रहे है।

डिसेबल्ड क्रिकेटर का हुआ सपना पुरा
कोटा से डिसेबल्ड क्रिकेट खिलाड़ी नरेन्द्र कुमार शर्मा का भी देश की जर्सी पहनकर खेलने का सपना पुरा हुआ है। नरेन्द्र 16 साल की उम्र से सचिन तेंदुलकर , सौरभ गांगुली, राहुल द्रविड़ को आदर्श मानकर सामान्य क्रिकेट खेलने लगे। साल 2018 में उन्होंने डिसेबल्ड क्रिकेट खेलना शुरू किया। इसके बाद बतौर कप्तान राजस्थान डिसेबल्ड क्रिकेट टीम में खेले और अब भारतीय क्रिकेट टीम पिछले ही साल चयन हो गया।

शहर में10 से ज्यादा क्रिकेट अकेडमी
रणजी प्लेयर दिव्य प्रताप के अनुसार कोटा में 10 से ज्यादा क्रिकेट अकेडमी है। इन क्रिकेट अकेडमियों में 300 से ज्यादा क्रिकेट के खिलाड़ी है। जो रोजाना अभ्यास करते है। लेकिन खिलाड़ियों को खेलने के लिए कोई प्लेटफार्म नहीं मिल रहा। लम्बे समय से मैदान में कोई भी क्रिकेट प्रतियोगिता आयोजित नहीं करवाई गई। जिसकी वजह से क्रिकेट के खिलाडियों में मायूसी है।

नए क्लब जुडंÞे तो बने बात
 कोटा में क्रिकेट के पुराने क्लब है, जो निष्क्रिय हो चुके हैं। इन क्लबों के पास अब खेलने के लिए अच्छे खिलाड़ी नहीं है। क्रिकेट में अब नए क्लब जुड़ने चाहिए।  नए क्लबों का अधिक से अधिक जुड़ना जरूरी है। क्रिकेट की और न तो जिला क्रिकेट एसोसिएशन ध्यान देती है और ना ही राजस्थान क्रिकेट अकेडमी।
- दिव्य प्रताप, रणजी प्लेयर

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