आंगनबाड़ी केन्द्र मेंं जहरीले कीट ने सहायिका को डसा, मौत

सोनड़ कस्बे की घटना

आंगनबाड़ी केन्द्र मेंं जहरीले कीट ने सहायिका को डसा, मौत

सरपंच बाबूलाल गुप्ता,पूर्व सरपंच कालूराम मीना सहित अन्य ने बताया कि फूला देवी पत्नी कैलाश बैरवा सोमवार को आंगनवाडी केन्द्र पर गई थी, जहां उसे जहरीले कीड़े ने काट लिया, परिजन उसे उपचार के लिए ले गए लेकिन देर रात उसकी मौत हो गई।

रामगढ़ पचवारा। सोनड़ कस्बे के बस स्टैंड के निकट जर्जर भवन में संचालित आंगनबाड़ी केन्द्र में सोमवार को सहायिका के पद पर कार्यरत फूला देवी को जहरीले कीड़े के काट लेने के बाद हुई मौत के बाद  मंगलवार सुबह मुआवजे की मांग व प्रशासन के मौके पर नहीं पहुंचने से खफा ग्रामीणों ने शव वाहन में रखकर लालसोट-तूंगा स्टेट हाईवे को जाम कर मृतका के परिजनों को मुआवजा एवं एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग पर अड़ गए। करीब डेढ़ घंटे तक लगे जाम के चलते यातायात  बाधित रहा। बाद में मौके पर पहुंचे प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों ने ग्रामीणों का समझा उनकी मांगों पर नियमानुसार कार्रवाई करने का आश्वासन देने पर जाम खोला। सरपंच बाबूलाल गुप्ता,पूर्व सरपंच कालूराम मीना सहित अन्य ने बताया कि फूला देवी पत्नी कैलाश बैरवा सोमवार को आंगनवाडी केन्द्र पर गई थी, जहां उसे जहरीले कीड़े ने काट लिया, परिजन उसे उपचार के लिए ले गए लेकिन देर रात उसकी मौत हो गई। उन्होंने बताया कि मंगलवार सुबह महिला की मौत की जानकारी पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारियों को दी गई लेकिन वे मौके पर नहीं पहुंचे, गुस्साए ग्रामीणों ने  शव को स्टेट हाईवे  पर रख जाम लगा दिया। ग्रामीणों की ओर से स्टेट हाईवे जाम करने की सूचना पर रामगढ़ पचवारा थाना प्रभारी दिनेश कुमार, लवाण थाना प्रभारी  हरदयाल मीना मौके पर पहुंचे एवं ग्रामीणों के साथ समझाईस की, लेकिन ग्रामीण अधिकारियों को मौके पर बुलाने व मृतका के परिजनों को मुआवजा दिलाए जाने की मांग पर अड गए। कुछ देर बाद  एसडीएम मोहरसिंह ,डिएसपी अरविंद गोयल मौके पर पहुंचे एवं  एसडीएम ने मृतका के परिजनों को नियमानुसार मुआवजा दिलाने, प्रधान मंत्री बीमा कवर है तो उसका लाभ दिलाने व मृतक के परिवार के एक दसवीं उत्तीर्ण महिला सदस्य को आंगनवाडी में सहायिका के पद पर नौकरी देने के प्रस्ताव सरकार को भिजवाने का आश्वासन दिया, तब जाकर ग्रामीणों ने जाम खोला। इसके बाद शव को रामगढ पचवारा सीएचसी पर लाया गया जहां उसका मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्ट करवाकर शव परिजनों को सौंपा दिया। मृतका के पति ने थाने में प्राथमिकी दी है।


 तीन बालकों के सिर से उठा मां का साया: आशा सहयोगिनी फूला देवी की मौत होने से परिवार के उपर पालन पोषण का संकट खड़ा हो गया है। मृतका के तीन बच्चे हैं, पति मजदूरी करता है और टीबी का मरीज है। ऐसे में पूरे परिवार का पालन पोषण की जिम्मेदारी फूला देवी पर थी।


 जर्जर भवन में संचालित हो रहा आंगनबाड़ी केंद्र: महिला एवं बालविकास विभाग के जरिए सरकार की ओर से हर वर्ष भवन की स्थिति सहित अन्य सुविधाओं की जानकारी मांगी जाती है और इनके सुधार के लिए सरकारी स्तर पर घोषणाएं भी होती हैं, लेकिन हकीकत यह है कि जिस आंगनबाड़ी भवन में फूला देवी ड्यूटी पर गई थी, वह पूरी तरह जर्जर हो चुका है। विभाग के अधिकारी भी यहां निरीक्षण के लिए पहुंचते हैं, लेकिन भवन की हालात की ओर देखना उचित नहीं समझा। ग्रामीणों के अनुसार यहां पूर्व में सरकारी विद्यालय का संचालन होता था, अब यह विद्यालय दूसरे भवन में शिफ्ट कर दिया है, उसके बाद से यहां हालात बदतर हो गए हैं, ऐसे में यहां आने वाले बच्चों की जान को खतरा है।

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