अशोक स्तंभ की प्रतिकृति 99 प्रतिशत मूल कृति की तरह, शेरों को देखने के एंगल के कारण हो रहा विवाद
विपक्षी नेताओं ने प्रतिकृति का स्वरूप आक्रामक करने के आरोप लगाए
नए संसद भवन पर लगाई प्रतिकृति में बने शेरों को देखने के एंगल के कारण विवाद हो रहा है।
नई दिल्ली। नए संसद भवन पर स्थापित राष्ट्रीय चिह्न की प्रतिकृति पर विवाद हो रहा है। इस प्रतिकृति का निर्माण करने वाले शिल्पकार सुनील देवरे ने कहा कि अधिकतम अशोक स्तंभ 99 प्रतिशत मूल कृति की तरह ही है। नए संसद भवन पर लगाई प्रतिकृति में बने शेरों को देखने के एंगल के कारण विवाद हो रहा है। कई विपक्षी नेताओं ने अशोक की लाट के शांत और सौम्य शेरों की तुलना में इस प्रतिकृति का स्वरूप आक्रामक करने के आरोप लगाए है।
सुनील ने कहा कि इसका आकार बड़ा होने के कारण इससे जुड़ी सूक्ष्म चीजें भी लोगों का ध्यान केंद्रित कर रही है। छोटे बदलाव हो सकते है, लेकिन प्रतिकृति अधिकतम मूल कृति जैसे ही तैयार की है। कवल शेरों की मुद्रा में फोटो नीचे से लेने के कारण बदलाव दिख रहा है। केवल ढाई फीट की मूल कृति के आकार को बड़ा किया है।
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