साढ़े चार साल में रेरा का पहला बड़ा एक्शन :अरावली गार्डन के निर्माणाधीन प्रोजेक्ट का लिया कब्जा

साढ़े चार साल में रेरा का पहला बड़ा एक्शन :अरावली गार्डन के निर्माणाधीन प्रोजेक्ट का लिया कब्जा

प्रोजेक्ट का 27 नवंबर, 2013 को काम शुरू हुआ, 25 अक्टूबर, 2020 तक होना था पूरा

जयपुर। रियल एस्टेट रेगुलेटरी ऑथोरिटी (रेरा) ने साढ़े चार साल में पहली बार खरीददारों से धोखाधड़ी करने वाले बिल्ड़र के खिलाफ बड़ा एक्शन लेते हुए भिवाड़ी स्थित अरावली गार्डन आवासीय योजना की जमीन और स्ट्रक्चर का मंगलवार को कब्जा ले लिया। इस प्रोजेक्ट में 907 फ्लेट बनने थे। अथॉरिटी अब संभावना तलाशेगा कि इस प्रोजेक्ट को थर्ड पार्टी के माध्यम से पूरा कराया जाए या फिर संपत्ति नीलाम कर खरीददारों को पैसा लौटा दिया जाए। दरअसल, यह प्रोजेक्ट सर्वआवास हाउसिंग प्राइवेट लिमिटेड का है, जो भिवाड़ी के पास स्थित है। जिसका क्षेत्रफल 17484.21 वर्गमीटर है और मौके पर दो मंजिला निर्माण हो रखा है।


इस प्रोजेक्ट का 27 नवंबर 2013 को काम शुरू हुआ और इसे 25 अक्टूबर 2020 तक पूरा करना था, लेकिन बिल्ड़र ने काम अधूरा छोड़ खरीददारों को अपने हाल पर छोड़ दिया। इस प्रोजेक्ट में 907 फ्लैट बनने थे। रेरा ने हाल ही 15 सितंबर को सार्वजनिक सूचना भी जारी की। इसके जरिए बुकिंग कर्ताओं, खरीददारों का क्लेम मांगा गया। नियमों की पालना नहीं करने पर मंगलवार को जयपुर से रेरा रजिस्ट्रार आर.सी. शर्मा के नेतृत्व में रेरा टीम ने मौके पर कब्जा लिया और बोर्ड लगाया।


फैक्ट फाइल
- रेरा में रजिस्टर्ड: 1635 प्रोजेक्ट
-561 बिल्डर-डवलपर ने प्रोजेक्ट में एक्सटेंशन लिया अब तक
-79 प्रोजेक्ट से अब तक 1.05 करोड़ रुपए पेनल्टी वसूली गई
छह ब्लॉक में बनने थे 907 फ्लैट, केवल एक ब्लॉक में जी प्लस वन में ही स्ट्रक्चर बना


शिकायत के बाद यूं चला मामला

    खरीददार लंबे समय तक इंतजार करते रहे, लेकिन सफलता हासिल नहीं हुई।
    इसी बीच एक मई 2017 को रेरा का गठन हुआ और प्रभावितों ने यहां गुहार लगाई।
    इनमें से दो खरीददार मनोज कुमार त्रिपाठी सहित 23 ने रेरा में शिकायत की।
    रेरा ने 19 दिसंबर 2019 को आदेश दिया की बिल्डर बुकिंग कर्ताओं को बुकिंग राशि 10.75 प्रतिशत ब्याज दर के साथ लौटाए।
    बिल्ड़र ने रेरा की सख्ती पर पालना नहीं की।
    रेरा ने जिला कलक्टर को रिकवरी करने के लिए लिखा।
    इसके बाद रेरा ने कार्यवाही आगे बढ़ाई और 23 जनवरी 2020 को प्रोजेक्ट निरस्त कर दिया। साथ ही अकाउंट सीज कर दिया गया।


प्रोजेक्ट का कब्जा लिया गया है, अब संभावना तलाशी जाएंगी कि इस प्रोजेक्ट को थर्ड पार्टी के माध्यम से पूरा कराया जाए या फिर सम्पत्ति नीलाम कर खरीदारों को पैसा लौटा दिया जाए। इसका निर्णय उच्च स्तर पर चर्चा के बाद लिया जाएगा।
- रमेश चंद्र शर्मा, रजिस्ट्रार रेरा

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