कई खाद्य वस्तुएं महंगी, देना होगा 5 प्रतिशत जीएसटी

बिना ब्रांड वाले उत्पादों पर जीएसटी छूट जारी रहेगी

कई खाद्य वस्तुएं महंगी, देना होगा 5 प्रतिशत जीएसटी

डिब्बा या पैकेटबंद और लेबल युक्त (फ्रोजन को छोड़कर) दही, पनीर, लस्सी, शहद, सूखा मखाना, सूखा सोयाबीन, मटर और गेहूं पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगाने का फैसला किया था। खुले में बिकने वाले बिना ब्रांड वाले उत्पादों पर जीएसटी छूट जारी रहेगी।

नई दिल्ली। जीएसटी परिषद के फैसले लागू होने के बाद कई खाद्य वस्तुएं महंगी हो जाएगी। इनमें पहले से पैक और लेबल वाले खाद्य पदार्थ आटा, पनीर और दही शामिल हैं। इन पर 5 प्रतिशत जीएसटी देना होगा। डिब्बा या पैकेटबंद और लेबल युक्त (फ्रोजन को छोड़कर) दही, पनीर, लस्सी, शहद, सूखा मखाना, सूखा सोयाबीन, मटर और गेहूं पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगाने का फैसला किया था। खुले में बिकने वाले बिना ब्रांड वाले उत्पादों पर जीएसटी छूट जारी रहेगी।

इन उत्पादों पर भी चुकानी होगी अधिक कीमत
प्रिंटिंग/ड्राइंग इंक, धारदार चाकू, कागज काटने वाला चाकू और पेंसिल शार्पनर, एलईडी लैंप, ड्राइंग और मार्किंग करने वाले उत्पादों, सोलर वाटर हीटर, सड़क, पुल, रेलवे, मेट्रो, अपशिष्ट शोधन संयंत्र और शवदाहगृह के लिए जारी होने वाले कार्य अनुबंधों, रोपवे के जरिए वस्तुओं और यात्रियों के परिवहन तथा कुछ सर्जरी से जुड़े उपकरणों, ट्रक, वस्तुओं की ढुलाई में इस्तेमाल होने वाले वाहनों की अधिक कीमत चुकानी पड़ेगी।

फैसला दुर्भाग्यपूर्ण : गहलोत
आटा, दाल, चावल, गुड़, गेंहू पर जीएसटी लगाने के फैसले पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केन्द्र सरकार का विरोध करते हुए इसे फैसले को तुरंत वापस लेने की मांग की है। गहलोत ने ट्वीट किया कि अमृत महोत्सव के वर्ष में मोदी सरकार ने आटा, दाल, चावल, गुड़, गेंहू, बाजरा, ज्वार, दूध, दही, पनीर, छाछ पर जीएसटी लगाने का दुर्भाग्यपूर्ण फैसला किया है। आजादी के 75 वर्षों में पहली बार आवश्यक खाद्य सामग्री पर टैक्स लगाया गया है। यह गरीबों के मुंह से निवाला छीनने वाला कदम है।

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