मुफ्त में बूस्टर डोज

बूस्टर डोज की रफ्तार काफी धीमी गति से चल रही थी

मुफ्त में बूस्टर डोज

बूस्टर डोज खर्च पहले की तरह ही खुद को उठाना पड़ेगा। एक डोज के 375 रुपए चुकाने पड़ते है, जब मुफ्त में बूस्टर डोज लगाने की व्यवस्था नहीं थी, तो इसके प्रति अधिकांश लोग इससे दूरी बनाते दिखाई दे रहे थे।

केन्द्र सरकार ने 18 से 59 साल तक के लोगों को सरकारी केन्द्रों  पर मुफ्त में सतर्कता खुराक यानी बूस्टर डोज लगाने की घोषणा कर दी है और यह एक सही फैसला भी है। 15 जुलाई से शुरू यह टीकाकरण अभियान 75 दिन यानी 27 सितंबर तक ही चलेगा। इसके बाद बूस्टर डोज खर्च पहले की तरह ही स्वयं को उठाना पड़ेगा। एक डोज के 375 रुपए चुकाने पड़ते है, जब मुफ्त में बूस्टर डोज लगाने की व्यवस्था नहीं थी, तो इसके प्रति अधिकांश लोग इससे दूरी बनाते दिखाई दे रहे थे। बूस्टर डोज की रफ्तार काफी धीमी गति से चल रही थी। आंकड़ों के मुताबिक अब तक महज 3.7 फीसदी आबादी को बूस्टर डोज लग पाई है, जबकि 60 वर्ष से अधिक के 25.84 फीसदी लोगों को बूस्टर डोज लग चुकी है। देश में बूस्टर डोज 10 जनवरी 2022 लगनी शुरू हुई है। बाकी दुनिया के मुकाबले हमारी रफ्तार सबसे धीमी है। अगर अपने यहां राज्य स्तर पर देखे, तो दिल्ली और आंध्रप्रदेश बूस्टर डोज के मामले में आगे रहे हैं। एक वजह इसकी कोरोना महामारी की तीसरी लहर के उतार के बाद लोगों में यह धारणा घर करने लगी है कि अब यह वायरस कोई खतरा नहीं रह गया है। दूसरी वजह यह कि आबादी के एक बड़े हिस्से के लिए निजी अस्पतालों में बूस्टर डोज लगवाने का खर्च बोझ की तरह था। अब उम्मीद है कि मुफ्त टीकाकरण की पहले के अच्छे नतीजे सामने आ सकते हैं।

देश में अभी कोरोना वायरस के संक्रमण का बल कम है, लेकिन रह-रह कर इसके बदलते स्वरूपों के फैलने की खबरें भी आती रहती हैं। ऐसा अक्सर हुआ है जब आम लोगों ने अपने स्तर पर अनियमिता की, तो उसके नतीजे में संक्रमण में तेजी देखने को मिली है। यह मानकर चलना चाहिए कि अभी हमें कोरोना से मुक्ति नहीं मिली है। दुनिया में कोरोना संक्रमण का खतरा बना हुआ है। कोरोना वायरस की अब तक प्रकृति देखी गई है, उसमें दुनिया के विशेषज्ञों ने यही  बताया है कि इससे संक्रमित व्यक्ति के इलाज के दौरान जिस तरह की जटिलताएं देखी गई हैं, उसमें बेहतर यही है कि लोग लापरवाही न बरतें। इसमें टीकाकरण भी एक सबसे कारगर उपाय है। पहले दो टीकों की डोज को काफी मान लिया गया था, लेकिन अब कोरोना के नए रूप के मद्देनजर बूस्टर डोज को जरूर माना गया है। सरकार ने इसीलिए मुफ्त में बूस्टर डोज की व्यवस्था की है।

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