एयर इंडिया की कमान टाटा घराने को : रतन टाटा ने कहा : ‘वेलकम बैक एयर इंडिया’

एयर इंडिया की कमान टाटा घराने को : रतन टाटा ने कहा : ‘वेलकम बैक एयर इंडिया’

एयर इंडिया की शुरुआत 1932 में जेआरडी टाटा ने की थी।

नई दिल्ली। टाटा समूह के मुखिया रतन एन टाटा ने सरकारी विमाणन सेवा कंपनी एयर इंडिया के लिए अपने समूह की बोली मंजूर करने की घोषणा पर खुशी जाहिर करते हुए ट्विटर पर अपने संदेश में लिखा है ‘वेलकम बैक-एयर इंडिया’ (एयर इंडिया! वापसी पर आपका स्वागत है)।

 टाटा ने लिखा है कि,“एयर इंडिया के लिए नीलामी में टाटा समूह के लिए एक बड़ी सफलता है।यह मानते हुए कि एयर इंडिया को फिर से मजबूत करने में बड़ा प्रयास करना होगा। पर उम्मीद है कि इससे विमानन उद्योग में टाटा समूह की उपस्थिति के एक मजबूत बाजार अवसर प्राप्त होगा।” गौरतलब है कि एयर इंडिया की शुरुआत 1932 में जेआरडी टाटा ने की थी। रतन टाटा ने अपने इस ट्वीट के साथ एयर इंडिया के एक बोइंग 747 विमान की तस्वीर भी पोस्ट की है जिसकी सीढ़ियों के नीचे सैल्यूट की मुद्रा में जेआरडी टाटा खड़ें दिखायी दे रहे हैं और उनके पीछे भारतीय वेशवूषा में विमान परिचारिकाओं का समूह सीढ़ियों से उतर रहा है।

बता दे कि टाटा संस ने कर्ज में डूबी सरकारी एयरलाइन एयर इंडिया के अधिग्रहण की बोली जीती है. सरकारी कंपनियों के निजीकरण की जिम्मेदारी संभालने वाले केंद्र सरकार के निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहिन कांत पांडेय ने कहा कि टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस की एक विशेष इकाई (SPV) सफल बोलीदाता के रूप में उभरी है. एयर इंडिया के अधिग्रहण की दौड़ में टाटा संस ने स्पाइसजेट के प्रवर्तक अजय सिंह को पीछे छोड़ा जिन्होंने व्यक्तिगत क्षमता में बोली लगायी थी. दीपम के सचिव ने कहा कि टाटा की 18,000 करोड़ रुपये की बोली में 15,300 करोड़ रुपये का कर्ज लेना और बाकी का नकद भुगतान करना शामिल है.

उन्होंने बताया कि दोनों बोलीदाताओं ने आरक्षित मूल्य से ऊपर बोली लगायी थी और इस सौदे को दिसंबर तक पूरा करने की योजना है. पांडेय ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित मंत्रियों के एक समूह ने चार अक्टूबर को एयर इंडिया के लिए विजेता बोली को मंजूरी दी. इसके साथ ही टाटा समूह में एयर इंडिया की वापसी हुई है. जहांगीर रतनजी दादाभाई (जेआरडी) टाटा ने 1932 में एयरलाइन की स्थापना की. तब इसे टाटा एयरलाइंस कहा जाता था. 1946 में टाटा संस के विमानन प्रभाग को एयर इंडिया के रूप में सूचीबद्ध किया गया था और 1948 में एयर इंडिया इंटरनेशनल को यूरोप के लिए उड़ानों के साथ शुरू किया गया था.

अंतरराष्ट्रीय सेवा भारत में पहली सार्वजनिक-निजी भागीदारी में से एक थी, जिसमें सरकार की 49 प्रतिशत, टाटा की 25 प्रतिशत और जनता की शेष हिस्सेदारी थी. 1953 में एयर इंडिया का राष्ट्रीयकरण किया गया था. सरकार सरकारी स्वामित्व वाली एयरलाइन में अपनी 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेच रही है, जिसमें एयर इंडिया की एआई एक्सप्रेस लिमिटेड में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी और एयर इंडिया एसएटीएस एयरपोर्ट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी शामिल है

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