सुविधाओं के अभाव में पलायन कर गए परिवार

आजादी के 70 साल बाद भी गांवों से कोसों दूर हैं मूलभूत सुविधाएं , रास्ते के अभाव में मरीजों को लाते हैं पैदल चारपाई पर

सुविधाओं के अभाव में पलायन कर गए परिवार

चंबल नदी के मुहाने पर बसा जगदरी गांव आजादी के 70 साल बाद भी मूलभूत सुविधाओं से कोसों दूर है। यहां से पलायन कर गए लोगों की भी मंशा हैं कि पक्की सड़क बन जाए तो पुन: अपने पैतृक गांव लौट जाएं।

कापरेन। चंबल नदी के मुहाने पर बसा जगदरी गांव आजादी के 70 साल बाद भी मूलभूत सुविधाओं से कोसों दूर है। यहां के बच्चों का शैक्षणिक भविष्य अंधकार में हैं और ग्रामीण मरीजों को चारपाई पर डालकर कंधों के सहारे चार किमी पैदल चलकर ग्राम पंचायत मुख्यालय बालोद तक लाते हैं, तब जाकर उन्हें सड़क नसीब हो पाती हैं। यहां से पलायन कर गए लोगों की भी मंशा हैं कि पक्की सड़क बन जाए तो पुन: अपने पैतृक गांव लौट जाएं।जगदरी गांव भले ही चंबल नदी के मुहाने पर बसा है लेकिन यहां के वाशिंदे शुद्ध व मीठे पेयजल को भी तरसते हैं। करीब 30 परिवार यहां से पलायन कर गए थे जो अब भी वापस लौट आने की आस लगाए बैठे है।

नारकीय जीवन जीने को मजबूर
ग्रामीण छोटूलाल गुर्जर, नरेंद्र गोस्वामी लालचंद गुर्जर ईश्वर सिंह कन्हैया लाल महावीर पप्पू लाल गुर्जर सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया कि हमें यहां नरकीय जीवन जीना पड़ रहा है, सड़क के अभाव में कुछ लोग तो पलायन कर गए लेकिन वे भी पुन: आने को लालायित हैं किंतु सड़क पक्की बने तो।अपने बच्चों के शैक्षणिक भविष्य भी संवार सकेगा।

 हमें भी आती है गांव की याद
गावं मे मूलभूत सुविधाओं के अभाव में ये लोग पलायन कर गए ग्रामीण पृथ्वीराज सिंह,प्रहलाद सिंह, राजेन्द्र सिंह, भैरु लाल, बनवारी लाल, बृह्मानंद, सत्यनारायण,शम्भू सिंह,बृजराज सिंह,छोटू सिंह,समुद्र सिंह,बजरंग सिंह,भंवर सिंह बताते है कि भले हम गावं छोड़कर शहर चले आए लेकिन शहर में गावं जैसा सुकून नहीं मिलता हैं और पुन: गांव लौटने को मन करता है। हम करीब डेढ़ दशक पहले ही गावं से पलायन कर गए थे।

इनका कहना है
 जगदरी गावं के कई परिवार मूलभूत सुविधाओं के अभाव में यहां से पलायन कर गए थे। लेकिन उन्हें गावं की याद सताने लगी हैं और वे पुन: गावं लौटना चाहते हैं किंतु सड़क पक्की बने तो ही ये संभव है। हमने ग्रामीणों की इस समस्या को गंभीरता से लेकर विधानसभा तक पहुंचाया हैं। ग्रामीण सड़क की मांग को लेकर पैदल विधानसभा पर प्रदर्शन करने जाने वाले थे। लेकिन उपखंड अधिकारी व जिला कलक्टर के आश्वासन के बाद पैदल कूच स्थगित कर दिया था। किन्तु ग्रामीण फिर से जयपुर पैदल कूच करने के इच्छुक हैं। हालांकि अधिकारियों ने जल्द ही सड़क निर्माण कार्य की स्वीकृति जारी होने का भरोसा दिलाया है।
-जगन्नाथी बाई मीणा, सरपंच, ग्राम पंचायत, बालोद

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