बच्चे स्कूल में कितनी देर मास्क लगाएं?

बच्चे स्कूल में कितनी देर मास्क लगाएं?

शहर में स्कूल-कॉलेज खुल चुके हैं। कई बच्चे स्कूल जाने लगे हैं। अब तक 12 साल से नीचे की उम्र के बच्चों के लिए कोई वैक्सीन नहीं बनी हैं।

 कोटा। शहर में स्कूल-कॉलेज खुल चुके हैं। कई बच्चे स्कूल जाने लगे हैं। अब तक 12 साल से नीचे की उम्र के बच्चों के लिए कोई वैक्सीन नहीं बनी हैं। कोरोना वायरस संक्रमण से बचने के लिए बच्चों के लिए मास्क ही सबसे आसान और कारगर तरीका है। ऐसे में सवाल उठता है कि बच्चों को कितनी देर तक मास्क लगाना चाहिए? डब्ल्यूएचओ पांच साल या उससे कम उम्र के बच्चों को मास्क लगाने की सलाह नहीं देता है।  स्कूल में बच्चों को कितनी देर तक मास्क लगाकर रखना चाहिए इस बारे में दैनिक नवज्योति को वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञों ने बताया।

 
वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. अविनाश बंसल का कहना है इंडियन एकेडमी आॅफ पीडियाट्रिक्स का मानना है कि दो साल से कम उम्र के बच्चों को मास्क नहीं पहनना चाहिए। डब्ल्यूएचओ पांच साल के बच्चों के ऊपर मास्क पहनना रिकमंड करता है। स्कूल पांच साल की उम्र के बच्चे ही जाते है। जब बच्चा संपर्क में है तब तक मास्क लगाना ही पड़ेगा। अपनी गाड़ी में बैठते हैं या खुले स्थान में है, खेल रहे है या थोड़े डिस्टेंस पर हैं। तब बीच में थोड़ी देर के लिए मास्क खोल सकते हैं। स्पोर्ट्स एक्टिविटी के दौरान मास्क हटाना पड़ेगा। स्कूल में प्ले ग्राउण्ड पर खेल रहे है और थोड़े डिस्टेंस पर है तो 10-15 मिनट मास्क हटा लें थोड़ा रिलेक्सेशन मिल जाएगा। क्लास में जब तक बैठे है तो मास्क पहनना ही है। सीढ़ी चढ़ रहे है अकेले है तो उस दौरान थोड़ी देर मास्क उतार सकते है। यदि आस पास 6 से 8 फीट की दूरी है तो उस बीच भी मास्क उतार सकते है। सामान्य जनता के लिए एन-95 मास्क नहीं है। सर्जिकल मास्क या कपड़े के मास्क का उपयोग करें। सबसे जरूरी है कि मास्क पहनते समय नाक, मुंह और ठोढ़ी ढंकी हुई होनी चाहिए इस बात का ध्यान रखें। सोशल डिस्टेंसिंग और हाइजिन में सबसे सुरक्षित मास्क ही है। स्प्रेडिंग इनफेक्शन रेस्पिरेटरी सिक्रिशन से होता है। खांसी आए तो हाथ की जगह कोहनी में खांसें। जिन बच्चों को सांस संबंधी परेशानी है उन बच्चों को स्कूल जाना है तो मास्क पहनना है यदि तकलीफ ज्यादा है तो घर पर रहे।
 
जेके लोन हॉस्पिटल,जयपुर के अधीक्षक डॉ.अरविंद शुक्ला का कहना है पांच साल से कम उम्र के बच्चों को मास्क नहीं लगाना चाहिए। इससे ऊपर की उम्र वालों को व्यस्क की तरह बिहेव करना चाहिए। जहां एक्सपोजर हो, वहां बच्चों को मास्क लगा लेना चाहिए। लगातार क्लास रूम में क्लास के दौरान बीच में ब्रेक हो तो अच्छा है। इससे बच्चे कम्फर्टेबल रहेंगे। अगर बच्चे मास्क हटाते हैं तो सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करनी पड़ेगी। ऐसा नहीं कि मास्क हटा दिया और खेल रहे हैं। प्ले ग्राउंड में मास्क लगाना जरूरी नहीं है। यह प्रेफर नहीं करते कि ज्यादा देर तक मास्क लगाकर रखा जाए। स्वास्थ्य संबंधी दिक्कत हो सकती है उसमें थोड़ा आॅक्सीडेशन कम होता है। लेकिन इसका कोई नियम भी तय नहीं है कि कितनी देर मास्क लगाना चाहिए। जब तक एक्सपोजर है तब तक मास्क लगाना चाहिए। जिनको सांस संबंधी तकलीफ है उन्हें मास्क का उपयोग करने से बचना चाहिए और पब्लिक प्लेस पर भी नहीं जाना चाहिए। बेहतर होगा ऐसे बच्चे आॅनलाइन क्लास अटेंड करें। एन95 मास्क बच्चों को लगाने की जरूरत नहीं है। सर्जिकल मास्क और सामान्य कॉटन मास्क लगाना पर्याप्त है।
 
अभिभावक साइमा बानो ने बताया  स्कूल में मास्क पहनकर बच्चों का आना कंपलसरी है। संक्रमण से बचाव के लिए मास्क पहनना भी जरूरी है। स्कूल समय में मास्क पहनकर रखने पर परेशानी तो बच्चों को  होती है। गर्मी के कारण बीच में बच्चे मास्क कुछ देर हटा भी देते है। बच्चे एक दिन छोड़ कर एक दिन स्कूल जा रहे है।
 
अभिभावक सौरभ जैन ने बताया बेटी स्कूल जाती थी। चार घंटे लगातार मास्क लगाने पर उसका चेहरा लाल हो जाता था। कान दुखने लग जाते थे। ढंग से सांस नहीं ले पा रही थी। देखकर ऐसा लगता था कि वह कंजस्टेड फील कर रही है। क्लास में थोड़ा-सा भी नीचे मास्क करने पर टीचर बोल देती थी मास्क सही तरीके से लगाइए। यह बड़ी समस्या थी। बच्चे क्लास रूम से बाहर नहीं जा सकते है। इंटरवेल और प्रेयर क्लास रूम में ही होती है। वॉशरूम या हैंडवॉश के लिए ही क्लास से बाहर जा सकते है। बच्चा लंच ब्रेक में ही मास्क हटा सकता है बाकि टाइम स्कूल में मास्क हटा नहीं सकते। बच्चों के लिए इतनी देर तक मास्क लगाना मुश्किल है। वह कुछ ही दिन स्कूल गई, फिर तबीयत खराब हो गई। 
 
स्टूडेंट कल्पित गौड़ ने बताया रोज स्कूल जा रहे है। सुबह आठ बजे से डेढ़ बजे तक स्कूल रहता है। कोविड गाइड लाइन की पालना के प्रति स्कूल में बहुत सख्ती है। स्कूल टाइम में मास्क लगातार लगा रहता है। हटा नहीं सकते है। लंच करते समय ही हटाते है। ब्रेक भी मिलता है पर उसमें भी मास्क लगाकर रखते है, क्योंकि क्लास के मित्रों से बात करते है। मास्क लगातार लगाने पर परेशानी यह होती है कि सांस लेने में थोड़ी दिक्कत आने लगती है। तब थोड़ी देर के लिए थोड़ा-सा ही मास्क नीचे करते है।
 
स्टूडेंट परी पंवार ने बताया स्कूल समय में मास्क लगाकर रखते है। बीच में 5-6 मिनट का ब्रेक मिलता है, तब थोड़ा-सा मास्क नीचे कर लेते है। मास्क लगाए रखने में कोई खास परेशानी नहीं आती है।
 
केनब्रिज स्कूल की  प्रिंसिपल वंदना सिंह  का कहना है बच्चों का  स्कूल समय कम है। बिना मास्क के बच्चों को स्कूल परिसर और क्लास रूम के अंदर अलाऊ नहीं कर सकते।  स्कूल में मास्क उनके लिए अनिवार्य है। फिजिकल एक्टिविटी नहीं करवाएं। क्लास रूम हवादार होने चाहिए। एन-95 मास्क की जगह नॉर्मल क्लॉथ मास्क बच्चों के लिए ज्यादा कम्फर्टेबल रहते है। अगर बच्चे बहुत ज्यादा फिजिकल एक्टिविटी कर रहे है, तब मास्क लगाने की अनुमति नहीं होनी चाहिए। मुझे नहीं लगता अगर नॉर्मल क्लॉथ मास्क लगाकर बच्चे क्लास में बैठ रहे है और क्लास रूम अच्छी तरह हवादार हैं तो बच्चों को मास्क लगाने में ज्यादा परेशानी महसूस होगी ।



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