टूट फूट कर ढेर हो गई रियासत कालीन पुलिया
आवागमन किया बंद, पुलिस कर्मी तैनात, हो चुके हादसे, हर साल पुलिया बरसात में हो जाती है खराब
कोटा बैराज के 11 गेट खोलकर करीब सवा लाख क्यूसेक पानी की निकासी से डूबी चम्बल की रियासतकालीन पुलिया से मंगलवार को पानी तो उतर गया लेकिन वह अपने पीछे उसके निशां छोड़ गया है। पुलिया एक बार फिर से क्षतिग्रस्त हो गई है।
कोटा । कोटा बैराज के 11 गेट खोलकर करीब सवा लाख क्यूसेक पानी की निकासी से डूबी चम्बल की रियासतकालीन पुलिया से मंगलवार को पानी तो उतर गया लेकिन वह अपने पीछे उसके निशां छोड़ गया है। पुलिया एक बार फिर से क्षतिग्रस्त हो गई है। नयापुरा में चम्बल नदी पर बनी रियासतकालीन पुलिया हर साल बरसात में पानी की आवक अधिक होने पर डूब जाती है। जिससे उस पुलिया पर आवागमन भी बंद हो जाता है। लेकिन पानी उतरने के बाद उस पुलिया पर बर्बादी के निशां हर साल की तरह इस बार भी नजर आ रहे हैं। हालांकि अभी एक ही दिन और कुछ समय के लिए ही उस पुलिया पर पानी रहा।
अभी तो पूरा सीजन बाकी
पानी का बहाव काफी तेज होने से पुलिया का आधा हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है। पूर्व में क्षतिग्रस्त हुई पुलिया को लाखों रुपए खर्च कर सही किया गया था। जिसे चलने लायक बनाया था। गत दिनों हुए कार हादसे में कई लोगों की मौत के बाद पुलिया पर सीमेंट के पिलर लगाए गए थे। लेकिन सोमवार को बरसात का पानी पुलिया के ऊपर से निकला तो फिर से पुलिया की हालत खराब हो गई। मंगलवार को पानी उतरने के बाद पुलिया पर बड़े-बड़े गड्ढ़े हो गए हैं। जिससे उन पर चलना ही मुश्किल हो गया है। सीमेंट के पिलर पानी में बहकर नदी में गिर गए हैं। कई पिलर के सरिये नजर आने लगे हैं। जिससे वहां से गुजरने वाले वाहन चालकों के चोटिल होने का खतरा बन गया है। पुलिया के पास पानी में बहकर आए कचरे का ढेर लग गया है। साथ ही पानी में बही एक गाय भी पुलिया के पास मृत अवस्था में मिली। हालांकि पुलिया के एक साइड पर पुलिस कर्मी तैनात था। जो नदी किनारे जाने वाले लोगों को वहां जाने से रोकता रहा। उसके बाद भी कई लोग नहीं माने और पुलिया से होकर निकलने लगे। गौरतलब है कि न्यास द्वारा लाखों रुपए खर्च कर पुलिया को ठीक किया था। रियासतकाल में बनी पुलिया का पुराना काम ही सुरक्षित रहता है। जबकि बरसात में हर साल किया गया नया मरम्मत का काम फिर से पानी में बह जाता है। स्थानीय लोगों ने बताया कि अभी तो जरा सा पानी आया है। जिसमें पुलिया की हालत खराब हो गई है। अभी तो बरसात का पूरा सीजन बचा है। अधिक बरसात आने के बाद पानी की आवक कई दिन तक पुलिया पर रहने से तो यह पहले की तरफ पूरी क्षतिग्रस्त हो जाएगी।
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