बेशुमार पैसा: अर्पिता मुखर्जी के दूसरे फ्लैट से बेहिसाब 28 करोड़ रुपए बरामद

ईडी ने अर्पिता मुखर्जी के दूसरे फ्लैट से बेहिसाब नकदी बरामद की

 बेशुमार पैसा: अर्पिता मुखर्जी के दूसरे फ्लैट से बेहिसाब 28 करोड़ रुपए बरामद

कोलकाता। पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (SSC) के कथित अवैध नियुक्ति घोटाले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने राज्य के वाणिज्य मंत्री पार्थ चटर्जी की करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के बेलघरिया फ्लैट से गुरुवार को लगभग 28 करोड़ रुपए की बेहिसाब नकदी बरामद की।

कोलकाता। पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (SSC) के कथित अवैध नियुक्ति घोटाले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने राज्य के वाणिज्य मंत्री पार्थ चटर्जी की करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के बेलघरिया फ्लैट से गुरुवार को लगभग 28 करोड़ रुपए  की बेहिसाब नकदी बरामद की।

इससे एक सप्ताह पहले केंद्रीय जांच एजेंसी को दक्षिण कोलकाता में उसके फ्लैट से लगभग 22 करोड़ रुपए की नकदी मिली थी।  मुखर्जी  ने कथित तौर पर जांचकर्ताओं को बताया कि पार्थ ने मेरे और दूसरी महिला के घर को मिनी बैंक के रूप में इस्तेमाल किया। वह दूसरी महिला भी उसकी करीबी दोस्त है। सूत्रों ने कहा, ''शनिवार को पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी को गिरफ्तार किया जा चुका है। वे तीन अगस्त तक जांच एजेंसी की हिरासत में हैं।'' 55.43 करोड़ के नगदी मिलने के बाद ममता बनर्जी ने अपने उद्योग मंत्री को पद से हटाया है। ममता ने फिलहाल मंत्री का उद्योग विभाग अपने पास ही रखा है।

सूत्रों ने कहा कि उत्तर 24 परगना के बेलघरिया फ्लैट में 18 घंटे की गहन तलाशी के बाद ईडी अधिकारियां को जांच में 27 करोड़ 90 लाख रुपये की नकदी, छह किलो सोना, तीन करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के चांदी के सिक्के और कई संपत्ति के दस्तावेज मिले हैं। ईडी को जो नकदी मिली है उसमें 500 और 2000 के नोट हैं जिसे सुश्री मुखर्जी ने आठवें मंजिल में 1400 वर्ग फुट के फ्लैट के बाथरूम में छिपा कर रखे थे। वरिष्ठ मंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी पर जब उनके पास राज्य के शिक्षा मंत्रालय का प्रभार था उस समय  एसएससी घोटले में उनकी संलिप्तता का आरोप लगाया गया है। 55.43 करोड़ के नगदी मिलने के बाद ममता बनर्जी ने अपने वाणिज्य मंत्री पार्थ चटर्जी को पद से हटाया है। ममता ने फिलहाल मंत्री का उद्योग विभाग अपने पास ही रखा है।

सूत्रों के अनुसार ईडी के अधिकारियों को शुरुआत में मुखर्जी के फ्लैट में प्रवेश करने से रोका गया था। उन्होंने अंतत: बुधवार दोपहर करीब दो बजे केंद्रीय बलों की मदद से उनके फ्लैट को ताला तोड़ा और 18 घंटे की तलाशी के दौरान वहां से बेहिसाब धन और दस्तावेज बरामद किए हैं। उन्होंने कहा कि ईडी की हिरासत में चटर्जी औरमुखर्जी दोनों से बरामद की गयी अकूत नकदी के बारे में भी पूछताछ होगी। ईडी को कुछ सरकारी बैंक के अधिकारियों ने अकूत नकदी की गिनती के लिए मदद की। नकदी की गिनती के लिए बैंकों से वेंडिंग मशीनों को लाया गया जिससे बेहिसाब नकदी गिनी गयी।

गौरतलब है कि कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के बाद एसएससी घोटाले की जांच कर रही केंद्रीय जांच एजेंसी ने 22 जुलाई को सुश्री मुखर्जी के दक्षिण कोलकाता में डायमंड पार्क हाउङ्क्षसग कॉम्प्लेक्स आवास से 70 लाख रुपये की विदेशी मुद्रा और 90 लाख रुपये के सोने के आभूषणों के अलावा करीब 21.20 करोड़ रुपये बरामद किए थे।

पार्थ चटर्जी की अवैध संपत्ति में कौन है 'ऊपर का हिस्सेदार' : भाजपा
 भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने पश्चिम बंगाल के उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी और सुश्री अर्पिता मुखर्जी के ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच में बरामद संपत्ति में 'ऊपर के हिस्सेदार' का नाम उजागर करने की मांग की।

 केन्द्रीय मंत्री एवं भाजपा की वरिष्ठ प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी ने पार्टी के केन्द्रीय कार्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ''आज आप सबके माध्यम से मैं देश की जनता को याद दिलाना चाहती हूं कि जो लोग मां, माटी, मानुष का नारा देते थे। आज वो केवल एक ही आवाज निकाल रहे हैं पैसा, पैसा पैसा। इस शब्द के अलावा उनके पास कहने को कुछ नहीं है।''

लेखी ने कहा कि यदि पार्थ चटर्जी के दस्तावेज देखें जायें, चाहे अर्पिता की आवाजें सुनी जाये, चाहे इनके मंत्रियों के यहां जो छापे पड़े उनकी कहानी देखें, तो एक ही बात समझ में आती है कि करीब 50 करोड़ रुपये अर्पिता के यहां से बरामद हुए और 9 किलो के आसपास सोना मिला है, अनगिनत संपत्ति के दस्तावेज मिलें हैं। उन्होंने कहा कि श्री पार्थ चटर्जी की एक और जानकार सुश्री मोनालिसा दास जो 2014 में एक विश्वविद्यालय में भर्ती हुई, आज वो वहां प्रोफेसर हैं और बांग्ला विभाग की अध्यक्ष हैं। उनके नाम पर 10 फ्लैट के कागज हैं।

  केन्द्रीय मंत्री ने कहा, ''हैरानी की बात ये है कि जहां पैसे का अंबार निकल रहा है, वहां मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जी एकदम चुप बैठी हैं। नारदा, शारदा चिटफंड, कोयला एवं आज जो शिक्षक भर्ती में घोटाले सामने आए हैं, ईडी को इसकी अच्छी तरह से जांच करनी चाहिए।'' उन्होंने कहा कि अर्पिता मुखर्जी के दो बयान आये हैं। उन्होंने कहा है कि श्री पार्थ चटर्जी ने उनके घर को एटीएम बना दिया था। अर्पिता ने दूसरी बात यह कही है कि नीचे से ऊपर तक पैसा जाता था। उन्होंने सवाल किया, ''नीचे वाले कौन है ये तो समझ में आ गया, लेकिन ऊपर वाले कौन है, ये भी सामने आना चाहिए।''  लेखी ने कहा कि यह पता चलना चाहिए कि इस संपत्ति में किस किस को कितना हिस्सा मिला है और ये कैसे अर्जित की गयी है।

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