बिजली संकट : राहत की खबर : ग्रामीण और शहरी इलाकों में बिजली कटौती में आएगी कमी

बिजली संकट : राहत की खबर : ग्रामीण और शहरी इलाकों में बिजली कटौती में आएगी कमी

मिलने लगा 20 रेक कोयला, उत्पादन में इजाफा

जयपुर। कोयले की कमी के कारण प्रदेश में बढ़े बिजली संकट के बीच थोड़ी राहत भरी खबर आई है। केन्द्र और राज्य के अफसरों की बातचीत के बाद कोल इंडिया के माध्यम से मंगलवार देर रात तक राजस्थान को 20 रैक (80 हजार टन) कोयला रोजाना डिस्पेच होने लगा है, इससे बिजली उत्पादन में इजाफा होगा। अब जल्दी ही शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली कटौती के समय में भी कमी आएगी।


प्रदेश में बिजली उत्पादन के लिए 21 रैक कोयला रोजाना सप्लाई की जरूरत है। संकट के बीच राजस्थान को एक पखवाड़े पहले तक सात से आठ रैक कोयला मिल रहा था। उसके बाद प्रदेश सरकार के दबाव में पिछले दिनों कोयला सप्लाई 14-15 रैक तक पहुंच गई। ऊर्जा एसीएस सुबोध अग्रवाल मंगलवार को दिल्ली पहुंचे और केन्द्र पर दबाव बढ़ाया तो मंगलवार देर रात तक सप्लाई में इजाफा होते हुए 20 रैक तक पहुंच गया। कोयले की ये खेप बढ़ने से 1570 मेगावाट तक बिजली पैदा की जा सकेगी। ऊर्जा विभाग के अनुसार राज्य में अभी 9,317 मेगावाट बिजली उपलब्धता है और औसत मांग 10683 मेगावाट तथा 12,200 मेगावाट अधिकतम औसत मांग रही है। डिमांड और सप्लाई के बीच अंतर को देखें तो कोयला सप्लाई बढ़ने के बाद 1570 मेगावाट बिजली उत्पादन के बावजूद 1313 मेगावाट बिजली की कमी रहेगी।

भेजे गए अफसर सप्लाई डिस्पेच पर रखेंगे नजर

एसीएस अग्रवाल की दिल्ली में केन्द्रीय कोयला सचिव अनिल जैन और केन्द्रीय पर्यावरण सचिव आरपी गुप्ता से कोयला आपूर्ति बढ़ाने और संयुक्त उपक्रम में फेज दो की पर्यावरण स्वीकृति जारी करने पर चर्चा हुई। बैठक के बाद अग्रवाल ने बताया कि कोल इंडिया की अनुषंगी इकाई एनसीएल से चार रैक डिस्पेच हुई हैं, वहीं एसईसीएल से भी एक से बढ़कर अब चार रैक डिस्पेच हुई हैं। विद्युत उत्पादन निगम और अडानी के संयुक्त उपक्रम से कोयले की 12 रैक डिस्पेच कराई गई हैं। प्रदेश के लिए 20 रैक डिस्पेच हुई हैं,जबकि इससे पहले वाले दिन 16 और उससे पहले एक बार तो दस से 11 तथा इससे कम रैक के हालात बन गए थे। प्रदेश को यह कोयला सप्लाई बरकरार रखने के लिए डिस्पैच पर प्रेशर रखने के लिए कोयला खदानों पर भेजे गए अफसरों को समन्वय की जिम्मेदारी सौंपी गई है। पर्यावरण सचिव आरपी गुप्ता से हुई बातचीत में राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम और अडानी के संयुक्त उपक्रम परसा ईस्ट और कांता बासन की सैकंड फेज की वनभूमि 1136 हैक्टेयर के हंस्तातरण और परसा कोल ब्लॉक की सैकंड फेज की लम्बित वन स्वीकृति पर सकारात्मक बातचीत हुई।

660 मेगावाट बिजली बनेगी : सूरतगढ़ सुपर क्रि. यूनिट चालू
कोयला संकट में राहत मिलने के बाद बुधवार को सूरतगढ़ में सात नम्बर की सुपर क्रिटिकल यूनिट चालू कर दी गई। इसके सिन्क्रोनाइज होने के बाद अब 660 मेगावाट बिजली पैदा होगी। राजस्थान में अब 5,193 मेगावाट बिजली सरकारी उपक्रमों के पावर प्लांट्स से बनने लगेगी।


सूरतगढ़ थर्मल में सात और आठ नम्बर यूनिट शुरू होने के बाद अब 660-660 मेगावाट बिजली बनेगी, इसके साथ ही 250 मेगावाट की एक यूनिट भी चालू है। सूरतगढ़ से कुल 1570 मेगावाट बिजली पैदा होगी। इससे पहले सूरतगढ़ थर्मल में 910 मेगावाट बिजली बन रही थी। छबड़ा में 660 और 250 मेगावाट की यूनिट्स चालू हैं। कालीसिंध में 1200 मेगावाट और कोटा थर्मल पावर स्टेशन से 1240 मेगावाट बिजली मिल रही है। रामगढ़ गैस थर्मल पावर लंट से भी 273 मेगावाट बिजली बनती है।

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