अब हिस्ट्रीशीटरों के दोस्तों, रिश्तेदारों और उनकी कमाई का भी रिकॉर्ड रखेगी पुलिस

प्रदेश में 10713 हिस्ट्रीशीटर, छह महीने में खोली 296 बदमाशों की हिस्ट्रीशीट

अब हिस्ट्रीशीटरों के दोस्तों, रिश्तेदारों और उनकी कमाई का भी रिकॉर्ड रखेगी पुलिस

जयपुर। प्रदेश में अपराध और अपराधी पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस को हर हिस्ट्रीशीटर का पूरा रिकॉर्ड रखना ही होगा। इस संबंध में पुलिस मुख्यालय ने आदेश जारी किए हैं। आदेशानुसार पुलिस हिस्ट्रीशीटरों की चैकिंग बीट कांस्टेबल, बीट अधिकारी, थानाधिकारी, वृत्ताधिकारी एवं उच्च अधिकारियों के स्तर पर होगी।

जयपुर। प्रदेश में अपराध और अपराधी पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस को हर हिस्ट्रीशीटर का पूरा रिकॉर्ड रखना ही होगा। इस संबंध में पुलिस मुख्यालय ने आदेश जारी किए हैं। आदेशानुसार पुलिस हिस्ट्रीशीटरों की चैकिंग बीट कांस्टेबल, बीट अधिकारी, थानाधिकारी, वृत्ताधिकारी एवं उच्च अधिकारियों के स्तर पर होगी। ये सभी हिस्ट्रीशीटर की वर्तमान गतिविधियों, कमाई के साधन, दोस्त, स्थाई एवं अस्थाई निवास, फोटो, मोबाइल नंबर, परिवारिक स्थिति, आर्थिक स्थिति आदि जानकारियां जुटाकर रिकॉर्ड बनाएंगे। प्रदेश में वर्तमान में 10713 हिस्ट्रीशीटर्स हैं। जनवरी से जून 2022 तक 296 बदमाशों की हिस्ट्रीशीर्ट खोली गई है।

एक नजर में हिस्ट्रीशीटर की पाबंदी
हाल में 7104 हिस्ट्रीशीटर्स (64.53 प्रतिशत) पाबंद हैं। जिला बूंदी ने 276, जालौर में 180, बांसवाड़ा में 149, सीकर में 295 और कोटा ग्रामीण में 182 हिस्ट्रीशीटर को सबसे ज्यादा पाबंद किया गया है। वहीं जिला सवाई माधोपुर में 44, अजमेर में 175, जोधपुर पश्चिम में 81, जयपुर उत्तर में 120, जयपुर पश्चिम में 85 और धौलपुर में 65 सबसे कम पाबंद किए हैं।

888 हिस्ट्रीशीटर जेल में
वर्तमान में 888 हिस्ट्रीशीटर जेल में हैं, जिनमें से जिला जयपुर ग्रामीण में 28, अलवर में 40, धौलपुर में 27, जोधपुर पश्चिम में 34 और हनुमानगढ़ में 22 में सबसे कम है। 264 हिस्ट्रीशीटर वर्तमान में फरार हैं, जिनमें से उदयपुर के 71, पाली के 18, जयपुर ग्रामीण के 14, बाड़मेर और चित्तौड़गढ़ के 13-13 सबसे ज्यादा हैं।

7588 हिस्ट्रीशीटर की हुई है चैकिंग
जनवरी से जून 2022 तक बात की जाए तो 7588 हिस्ट्रीशीटर को थानाधिकारियों एवं उच्चाधिकारियों ने चैक किया है, जिनमें जोधपुर पूर्व में 216, डूंगरपुर में 186, सिरोही में 177, अजमेर में 487 और जालौर में 180 सबसे ज्यादा हैं। वहीं प्रतापगढ़ में 61, सीकर में 110, नागौर में 141, जयपुर दक्षिण में 59 और बाड़मेर में 170 सबसे कम है।

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