बाड़मेर: मिग यदि भीमड़ा में गिरता मिग तो मच जाती भारी तबाही

आग लगने के बाद पायलटों ने दिखाई हिम्मत, जान की परवाह नहीं करते हुए आबादी क्षेत्र से दूर ले गए

बाड़मेर: मिग यदि भीमड़ा में गिरता मिग तो मच जाती भारी तबाही

सेना ने लगाया अस्थाई कैंप, सैकड़ों जवान जुटे हैं ऑपरेशन में

बाड़मेर। बाड़मेर में हुए मिग हादसे ने पूरे देश को सन्न कर गया। दोनों पायलट्स के पार्थिव शरीर को उनके परिजनों को भेजने की प्रक्रिया के साथ हादसे की उच्च स्तरीय जांच शुरू हो गई है। हादसे से ज्यादा इन दोनों जांबाजों की मुस्तैदी की चर्चा बाड़मेर में हो रही है। दोनों ने अपनी जान की परवाह ना करते हुए लड़ाकू विमान को आबादी क्षेत्र से दूर पहुंचाया और वीरगति को प्राप्त हुए। बाड़मेर के उत्तरलाई एयरबेस से गुरुवार रात 9 बजकर 10 मिनट पर ट्रेनर फाइटर जेट मिग-21 बायसन ने उड़ान भरी ही थी कि चंद सेकेंड के अंदर उसमें तकनीकी खराबी से आग लग गई। जब फाइटर जेट में आग लगी तो प्लेन एयरबेस से 40 किमी दूर भीमड़ा गांव के ऊपर था। मिग उड़ा रहे विंग कमांडर मोहित राणा और फ्लाइट लेफ्टिनेंट अद्वितीय बल के सामने दो ही रास्ते थे कि या तो वे तुरंत इजेक्ट कर प्लेन को ढाई हजार की आबादी वाले गांव भीमड़ा पर गिरने दें या अपनी जान दांव पर लगाकर उसे हर हाल में गांव से दूर ले जाएं। दोनों वायु सैनिकों ने अद्वितीय साहस दिखाते हुए करीब 2 किलोमीटर दूर ऐसे सुनसान एरिये में ले गए, जहां आबादी नहीं थी। हादसे में हिमाचल प्रदेश के मंडी के रहने वाले विंग कमांडर मोहित राणा और जम्मू के रहने वाले फ्लाइट लेफ्टीनेंट अद्वितीय बल शहीद हो गए। ग्रामीणों के मुताबिक उन दोनों ने अपनी जान की परवाह ना करते हुए हजारों जानें बचाई।


जांगू की ढाणी में रहने वाले चंद्र प्रकाश ने बताया कि प्लेन में आग लग चुकी थी। वह गांव के ऊपर से दो-तीन बार घूमा। पायलट को शायद यह अनुमान हो गया था कि यहां आसपास आबादी है। प्लेन चोखला गांव की तरफ से आया था। उसे उतारने के लिए जगह नहीं मिल रही थी तो वे रेत के टीले की तरफ  गए, जहां वह क्रेश हो गया। स्थानीय निवासी बताते है कि ’हम घर के बाहर खाना खाकर खड़े ही थे कि देखा, एक प्लेन में आग लगी हुई है, वह आसमान में घूम रहा था। कुछ ही देर में वह टीले की तरफ  जैसे ही क्रेश हुआ तो जबरदस्त आवाज आई। जिस खेत में मिग क्रेश हुआ, वहां करीब 10-15 फीट का गड्डा हो गया।

16 घंटों से सेना का ऑपरेशन जारी: बाड़मेर में मिग क्रेश हादसा इतना भयंकर था कि बीते 16 घंटों से वायु सेना का ऑपरेशन जारी है। ऐसा बताया जा रहा है कि लड़ाकू विमान का मलबा करीब 1 किलोमीटर के आसपास इलाके में फैल गया है। मलबा एकत्र करने में दिक्कत आ रही है।

अस्थाई लगाया कैंप
 सेना ने हादसे स्थल के पास में अस्थाई कैंप लगा दिया है। एयरफोर्स के बड़े अधिकारी ने हेलिकॉप्टर से घटना स्थल का जायजा लिया है। लगातार सेना के जवान मलबे को एकत्र करने में जुटे है।

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