ये राह नहीं आसान, डगर-डगर पर गड्ढ़े : कैलाश जैसी दुर्गम हुईं सड़कें

ये राह नहीं आसान, डगर-डगर पर गड्ढ़े : कैलाश जैसी दुर्गम हुईं सड़कें

जिम्मेदार आवासन मंडल का तर्क : हमने निगम ग्रेटर को हैंडओवर कर दी कॉलोनियां जयपुर नगर निगम ग्रेटर का रोना : आवासन मंडल से नहीं मिल रहा है विकास का पैसा

 जयपुर। एशिया की सबसे बड़ी कॉलोनियों में शुमार मानसरोवर में इन दिनों निवासियों का सड़क पर वाहन चलाना तो दूर पैदल चलना मुश्किल हो गया है। क्षतिग्रस्त सड़कों पर हो गड्ढ़ों में वाहन चालक आए दिन दुर्घटनाओं के शिकार हो रहे हैं, लेकिन जिम्मेदार विभाग सुध लेने की बजाय चैन की नींद सो रहा है। मानसरोवर कॉलोनी में सड़कों का विकास राजस्थान आवासन मंडल एवं क्षेत्र में कार्य कराने वाली कार्यकारी एजेंसी के बीच फंसी नजर आ रही है। मानसरोवर क्षेत्र में सड़कों के रख-रखाव का मुख्य जिम्मा राजस्थान आवासन मंडल का है, लेकिन मंडल की ओर से मुख्य सड़कों की देखरेख की सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है। मानसरोवर में तीन मुख्य मार्ग न्यू सांगानेर, मध्यम मार्ग एवं शिप्रापथ है, जहां न्यू सांगानेर रोड पर भारी वाहनों का आवागमन होता है, जिससे यह सड़क आमतौर पर क्षतिग्रस्त ही रहती है। वहीं दूसरी अन्य सड़कों की हालात भी बुरे हैं। क्षेत्र की मुख्य सड़कों के साथ ही कॉलोनियों में हाल बुरे है, जहां क्षेत्रवासियों को सड़क पर पैदल चलना भी मुश्किल हो रहा है।


पटेल मार्ग, विजय पथ, सेक्टर 12 अग्रवाल फार्म में नजर हटी तो दुर्घटना घटी

मानसरोवर के पटेल मार्ग, विजय पथ, सेक्टर 12 अग्रवाल फार्म सहित अन्य जगहों पर सड़कों की लंबे समय से खराब है। इसको लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ ही विकास समितियों की ओर से समय पर सड़कों की मरम्मत के लिए विभाग के अधिकारियों को पत्राचार भी किया जाता है। क्षेत्र में अरावली मार्ग पर सालों से सड़कों की स्थिति खराब लेकिन दुबारा बनाने के स्थान पर समय पर इनकी मरम्मत भी नहीं हुई है। अग्रवाल फार्म निवासी अभय अरोड़ा का कहना है कि वाहन चलाते समय टूटी सड़क और गड्ढ़ों का ध्यान रखना पड़ता है, क्योंकि नजर हटी और दुर्घटना घटी जैसी स्थिति की आशंका बनी रहती है।


स्थानीय व्यापारी भी परेशान
अग्रवाल फार्म क्षेत्र में लोगों का दिनभर आवागमन होता है। टूटी-फूटी सड़कों पर धूल के गुबार उड़ने से व्यापारियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है और दुकानों के अंदर रखे सामान भी गंदे हो जाते हैं। मानसरोवर दवा विक्रता संघ के संरक्षक यशपाल भाटिया का कहना है कि कावेरी पथ से लेकर एसएफएस की ओर जाने वाली सड़कों की समस्या से कई बार प्रशासन को अवगत कराया जा चुका है, लेकिन सुनवाई करने वाला कोई नहीं है। कई जगहों पर स्पीड ब्रेकर भी लगाए जाने चाहिए, ताकि तेज रफ्तार वाहन चलाने वाले चालक भी संभल कर गाड़ी चलाएं।


मानसरोवर कॉलोनी नगर निगम जयुपर ग्रेटर को हैंडओवर कर दी गई है और यहां सड़कों की देखरेख का काम उनका है।
-पवन अरोड़ा, आयुक्त, आवासन मंंडल

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आवासन मंडल से विधिवत रूप से कॉलोनी हमें हैंडओवर नहीं की है और विकास के पेटे नीलामी सहित कोटे के पैसे भी हमें नहीं दिए गए है ऐसे में विकास का काम राजस्थान आवासन मंडल है।
-हेमाराम चौधरी, उपायुक्त, मानसरोवर जोन

कालीचरण की चेतावनी : 7 दिन में सड़कें नहीं सुधरी तो घेरेंगे निगम
मालवीय नगर विधायक कालीचरण सराफ ने कहा कि नगर निगम सहित अन्य प्रशासन की ओर से नई बनी सड़कों को खोदने और  बारिश से टूटी सड़कों को आगामी सात दिन में ठीक नहीं कराया तो स्थानीय लोगों के साथ ग्रेटर नगर निगम कार्यालय का घेराव करेंगे। सराफ ने शुक्रवार को पार्षदों, प्रतिनिधिमंडल के साथ अपने क्षेत्र के राजापार्क, गुरुनानकपुरा, तिलक नगर में जाकर टूटी सड़कों का निरीक्षण किया। इसके बाद वे निगम आयुक्त यज्ञमित्र देव से मिलने गए। जलदाय विभाग ने चार महीने पूर्व ही पाइपलाइन बिछाई थी और रोड कटाई के 85 लाख रुपए नगर निगम में जमा करवाए थे।

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