हनुमानगढ़ के खेत मजदूर का बेटा हरीश खेलेगा देश की पहली खो-खो लीग में
लड़कियों का खेल बताकर मजाक उड़ाते थे साथी
जयपुर। हनुमानगढ़ का हरीश मोहम्मद उन दो खिलाड़ियों में शामिल है, जिन्हें देश की पहली अलीटमेट खो-खो लीग के लिए चुना गया है। हरीश को मुम्बई खिलाड़ी टीम ने ऑक्शन में डेढ़ लाख रुपए की कीमत पर अपने साथ जोड़ा है।
जयपुर। हनुमानगढ़ का हरीश मोहम्मद उन दो खिलाड़ियों में शामिल है, जिन्हें देश की पहली अलीटमेट खो-खो लीग के लिए चुना गया है। हरीश को मुम्बई खिलाड़ी टीम ने ऑक्शन में डेढ़ लाख रुपए की कीमत पर अपने साथ जोड़ा है। हरीश कई चुनौतियों से गुजरकर इस मुकाम तक पहुंचे हैं। पिता खेत में मजदूरी करते हैं लेकिन बेटे को खेल में आगे बढ़ाने में कभी कसर नहीं रखी। परिवार ने हमेशा उसे प्रोत्साहन दिया। प्रतीक ने अपनी ट्रेनिंग अजमेर में की और यहीं से स्टेट चैंपियनशिप में खेल रहे हैं।
लड़कियों का खेल बताकर मजाक उड़ाते थे साथी
हरीश ने नवज्योति से बातचीत में कहा कि स्कूल में छठी कक्षा से खेल की शुरुआत की। तब स्कूल के साथ इसे लड़कियों का खेल बताकर मजाक उड़ाया करते थे लेकिन कभी इस ओर ध्यान नहीं दिया और सीनियर्स को देखकर इसी खेल में आगे बढ़ने की ठानी। हरीश ने 2014 में पहली बार सब जूनियर नेशनल में हिस्सा लिया। फिर जूनियर और उसके बाद 2018 में जयपुर के चौगान स्टेडियम में पहला सीनियर नेशनल खेला। हरीश अब तक दस से ज्यादा नेशनल टूर्नामेंट खेल चुके हैं।
हमारी टीम संतुलित है
टीम संयोजन के बारे में हरीश ने कहा कि हमारी टीम संतुलित है। टीम प्रबंधन ने अच्छे खिलाड़ियों को अपने साथ जोड़ा है। टीम में युवाओं को लेने पर ज्यादा ध्यान केंद्रित किया है। हालांकि संतुलित टीम बनाने के लिए सीनियर्स को भी जोड़ा है। ऐसे में हमें सीनियर खिलाड़ियों से सीखने का अच्छा मौका मिलेगा। हरीश ने कहा कि अन्य खेलों की तरह देश में इस खेल के विकास के लिए अल्टीमेट खो-खो की जरूरत थी। खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए यह एक अच्छा मंच साबित होगा।
एशियन चैंपियनशिप पर है नजर
हरीश का कहना है कि लीग में अपने प्रदर्शन के जरिए वे अक्टूबर में दिल्ली में होने वाली एशियन चैंपियनशिप में देश का प्रतिनिधित्व करना चाहते हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उन्होंने अजमेर में नेपाल के खिलाफ टेस्ट सीरीज खेली है।
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