ग्राम विकास अधिकारी नदारद पंचायत कार्यालय पर लटका ताला

आवश्यक कार्यों के लिए भटक रहे लोग

ग्राम विकास अधिकारी नदारद पंचायत कार्यालय पर लटका ताला

सोमवार को ग्रामीण क्षेत्रों से आई दर्जनों महिलाएं सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक कार्यालय खुलने का इंतजार करती देखी गई। मजबूर महिलाएं वापस लौट गई। परेशान महिलाओं ने उच्चाधिकारियों से लापरवाह ग्राम विकास अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।

सैंपऊ। स्थानीय ग्राम पंचायत कार्यालय ग्राम विकास अधिकारी की मनमानी के चलते यदा-कदा ही खुलता है। दूर दराज से अपने जन्म, मृत्यु व जाति प्रमाण पत्र सहित अन्य कारणों से आने वाले पुरुष एवं महिलाएं घंटों इंतजार के बाद कार्यालय नहीं खुलने से बैरंग लौट रहे हैं। सोमवार को ग्रामीण क्षेत्रों से आई दर्जनों महिलाएं सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक कार्यालय खुलने का इंतजार करती देखी गई। मजबूर महिलाएं वापस लौट गई। परेशान महिलाओं ने उच्चाधिकारियों से लापरवाह ग्राम विकास अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।

सरपंच के वित्तीय अधिकार सीज, वीडीओ को चार्ज: सरपंच के चुनाव में आम जनता ने रिकॉर्ड मतों से इंजीनियर को चुना ताकि क्षेत्र का विकास हो सके। लेकिन राजनीतिक द्वेषता के चलते सरपंच के वित्तीय अधिकार न सिर्फ सीज कर दिए, जिनका चार्ज यहां के वीडीओ को दिया गया है। वीडीओ की मनमानी के चलते कस्बे की सफाई, बिजली एवं अन्य व्यवस्थाएं पूरी तरह चरमरा गई है। आश्चर्यजनक पहलू तो यह है कि विकास अधिकारी की ओर से आनन-फानन में एक कमेटी गठित कर कुछ दिन पूर्व ही खरंजा निर्माण कार्यों की स्वीकृति दी है। इसमें खुलेआम निर्धारित मानकों का उल्लंघन किया जा रहा है। हाल में ही बने खरंजे उखड़ने लगे हैं। अनेक बार शिकायत के बावजूद भी इन निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। इससे सरकारी पैसे का दुरुपयोग कर जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है। लगातार शिकायत के बावजूद भी कार्रवाई नहीं होने से गठित की गई कमेटी की हौसले बुलंद हैं तो वहीं लोगों में आक्रोश व्याप्त है।

नहीं हो रही आमसभा एवं ग्राम सभा की बैठकें: सरकारी निर्देशानुसार ग्राम पंचायत कार्यालय पर आम सभा एवं ग्राम सभा की बैठक निर्धारित नियमानुसार करने के निर्देश के बावजूद बैठकें तो दूर कार्यालय का ताला भी नहीं खुलता, जिससे आम जनता की परेशानियां और बढ़ रही हैं। इस संबंध में पूर्व में संभागीय आयुक्त से शिकायत की गई किंतु संभागीय आयुक्त के निदेर्शों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। कुल मिलाकर अंधेर नगरी वेबूझ राजा की तर्ज पर अधिकारियों एवं राजनीतिक गठजोड़ के समक्ष नियम एवं कानून बोने साबित हो
रहे हैं।

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