पशुओं पर मंडराया लंपी रोग का साया
यह रोग एक गौशाला में फैल गया। जिससे रोकने के इंतजाम किए जा रहे है।
पशुधन सहायक उदय बाना ने बताया कि लंपी चर्म रोग सबसे ज्यादा गायों को जकड़ रहा है इस रोग से पशु के शरीर पर बड़े-बड़े फोड़े जैसे निकलते हैं। पशु खाना पीना छोड़ देता है तथा बुखार से पीड़ित हो जाता है एवं उदास उदास रहता है अगर पशु को समय पर इलाज नहीं मिलता है तो पशु की मौत तक हो जाती है।
श्रीडूंगरगढ़। क्षेत्र पशु बाहुल्य क्षेत्र की श्रेणी में आता है। यहां के पशुपालक काफी संख्या में पशुधन को रखते हैं। लेकिन पिछले कई दिनों से यहां के पशुपालक काफी बेचैन एवं परेशान नजर आ रहे हैं। क्षेत्र के कई गांवों में पिछले कई दिनों से पशुओं में लंपी नामक चर्म रोग ने कई पशुधन की जान ले ली है। यहां करीब 25 से अधिक पशु इस बीमारी से मौत की भेंट चढ़ चुके है। सूत्रों से पता चला है कि यह रोग एक गौशाला में फैल गया। जिससे रोकने के इंतजाम किए जा रहे है। सैंकड़ो की संख्या में पशुधन जिंदगी एवं मौत से लड़ रहे अपना जीवन बचाने की गुहार लगा रहे हैं। लंपी नामक चर्म रोग धीरे धीरे कई गांवों में फैलता जा रहा है। पशुधन में बढ़ते जा रहे इस रोग को लेकर पशु पालकों की आंखों से नींद उड़ी हुई नजर आ रही है। गौशाला हो या फिर माना गांव की गौशाला हो या फिर ग्रामीण क्षेत्र सब जगह इस रोग ने धीरे-धीरे अपने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं। पशुधन में पनप रहे इस रोग का कोई पुख्ता इलाज नहीं होने के कारण पशुधन अकाल मौत के मुंह में समा रहे हैं। हालांकि समय पर इलाज कराने पर पशुधन की जान को बचाया जा सकता है।
लंपी चर्म रोग क्या है: पशुधन सहायक उदय बाना ने बताया कि लंपी चर्म रोग सबसे ज्यादा गायों को जकड़ रहा है इस रोग से पशु के शरीर पर बड़े-बड़े फोड़े जैसे निकलते हैं। पशु खाना पीना छोड़ देता है तथा बुखार से पीड़ित हो जाता है एवं उदास उदास रहता है अगर पशु को समय पर इलाज नहीं मिलता है तो पशु की मौत तक हो जाती है। इस रोग से पीड़ित पशुधन को लक्षण दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें तथा इलाज करवाएं समय पर इलाज ही इस रोग से बचाव है इस रोग से पीड़ित पशु को अन्य पशुओं से अलग रखें तथा पशु को पौष्टिक आहार दें। जहां तक संभव हो पीड़ित पशु को आइसोलेट रखने की कोशिश करें ताकि अन्य पशुओं में इस रोग का संक्रमण ना फैले । इस रोग का बचाव ही उपाय है।
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