ईडी को मिले अधिकारों पर 17 विपक्षी दलों ने लिखा खुला पत्र
सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय पर जताई निराशा
साझा बयान में उम्मीद जताई गई कि कोर्ट का यह फैसला बहुत कम समय के लिए होगा और आगे संवैधानिक प्रावधानों की जीत होगी
नई दिल्ली। कांग्रेस समेत 17 विपक्षी दलों ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को मिले अधिकारों पर सर्वोच्च न्यायालय के हालिया निर्णय पर निराशा जताई है। इन विपक्षी दलों ने बुधवार को एक साझा बयान जारी करके कहा कि इससे सरकार के हाथ और मजबूत होंगे। इनका कहना है कि धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत ईडी को मिले अधिकारों पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले से राजनीतिक प्रतिशोध में लगी सरकार के हाथ और भी ज्यादा मजबूत होंगे। साझा बयान में उम्मीद जताई गई कि कोर्ट का यह फैसला बहुत कम समय के लिए होगा और आगे संवैधानिक प्रावधानों की जीत होगी। विपक्षी दलों ने अपने साझा बयान में कहा कि हम इस बात से निराश हैं कि सर्वोच्च न्यायालय, जिसे कानून में जांच-परख और संतुलन के अभाव को लेकर स्वतंत्र फैसला देना चाहिए। उसने वास्तव में उन दलीलों को फिर से सामने कर दिया। जो इन संशोधनों के समर्थन में कार्यपालिका की ओर से रखी गईं थीं। गौरतलब है कि सर्वोच्च न्यायालय ने पीएमएलए के तहत ईडी को मिले अधिकारों को बरकरार रखते हुए बीती 27 जुलाई को कहा था कि धारा-19 के तहत गिरफ्तारी का अधिकार मनमानी नहीं है। साथ ही धारा-5 के तहत धनशोधन में संलिप्त लोगों की संपति कुर्क करना भी संवैधानिक रूप से वैध है।
इन दलों ने किए साझा बयान पर हस्ताक्षर-
कांग्रेस समेत टीएमसी, डीएमके, सपा, राजद, एनसीपी, आप, माकपा, भाकपा, आरएसपी, मुस्लिम लीग, शिवसेना, डीएमडीके, जेएमएम समेत निर्दलीय कपिल सिब्बल।
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