गहलोत सरकार ने किया संतों के साथ विश्वासघात : शेखावत

केंद्रीय जलशक्ति मंत्री ने पसोपा पहुंचकर संत विजय दास को दी श्रद्धांजलि

गहलोत सरकार ने किया संतों के साथ विश्वासघात : शेखावत

शेखावत ने कहा कि जिस दिन मुख्यमंत्री गहलोत खनन बंद करने के मुद्दे पर संत समाज के साथ बात कर रहे थे, उस समय राज्य मंत्री जाहिदा खान अधिकारियों के बीच चिट्ठी लेकर घूम रही थी।

संत बाबा विजय दास को श्रद्धांजलि देने गुरुवार को पसोपा पहुंचे केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके मंत्रियों पर जमकर हमला बोला। शेखावत ने आदिबद्री और कनकाचल पर्वतों में चल रहे अवैध खनन के खिलाफ आंदोलन में आत्मदाह करने वाले संत बाबा विजयदास को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने संतों के साथ विश्वासघात किया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा आश्वासन दिए जाने के बावजूद दस माह तक सरकार ने इस क्षेत्र में खनन रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया। नतीजा एक संत को आत्मोसर्ग करना पड़ा।

केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि बाबा विजय दास के आत्मदाह के बाद ही प्रदेश की गूंगी, बहरी और अंधी सरकार की आंखें खुली और महज 24 घंटे में ही खनन क्षेत्र को वन क्षेत्र घोषित कर दिया। उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार इस पाप से मुक्त नहीं हो सकती। जनता इस पाप की सजा देकर रहेगी।

केंद्रीय मंत्री ने गहलोत सरकार पर ढिलाई का आरोप लगाते हुए कहा कि संत समाज यहां वैध और अवैध सभी प्रकार का खनन बंद करने की मांग को लेकर लंबे समय से आंदोलन कर रहा था, लेकिन राज्य सरकार ने ध्यान नहीं दिया। बाद में प्रियंका गांधी के दबाव में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गत वर्ष एक अक्टूबर को संत समाज के साथ बैठक की और दस दिन के भीतर इस क्षेत्र से खनन गतिविधियां बंद करने का आश्वासन दिया, लेकिन दस माह तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई, जबकि भरतपुर के कलक्टर ने 12 अक्टूबर 2021 को आवश्यक रिपोर्ट बनाकर सरकार को भेजी थी।

राज्य मंत्री जाहिदा ने दिया खनन माफिया को संरक्षण

शेखावत ने कहा कि जिस दिन मुख्यमंत्री गहलोत खनन बंद करने के मुद्दे पर संत समाज के साथ बात कर रहे थे, उस समय राज्य मंत्री जाहिदा खान अधिकारियों के बीच चिट्ठी लेकर घूम रही थी। उन्होंने कहा कि जाहिदा क्षेत्र में अवैध खनन के कार्यों की भागीदार है। संत सरकार ने संत महात्माओं और स्थानीय जनता के साथ विश्वासघात किया गया। संतों द्वारा आत्मदाह की चेतावनी देने के बाद भी आदिब्रदी और कनकाचल में अवैध खनन रोकने के लिए किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की गई।

गूंगी और बहरी है गहलोत सरकार

शेखावत नेे कहा कि राज्य की गहलोत सरकार गूंगी, बहरी और अंधी है। एक साधु बाबा निर्मल दास के टॉवर पर चढऩे के बाद भी सरकार नहीं चेती। सरकार को सुनाने और जगाने के लिए एक अन्य साधु विजयदास को आत्मोत्सर्ग करना पड़ा।

मुख्यमंत्री के कहने पर भी नहीं रुका खनन

केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि जब मुख्यमंत्री की सैद्धांतिक सहमति के बाद भी 10 माह तक वनक्षेत्र घोषित नहीं किया गया, उल्टा खनन कार्य दोगुनी स्पीड से होने लगा। ऐसे में साधु संत किस तरह से विश्वास करते। स्थानीय मंत्री पर निशाना साधते हुए शेखावत ने कहा कि स्थानीय नेता और मंत्री यहां के आंदोलनकारियों व साधु-संतों का उपहास उड़ा रहे थे। ऐसे में साधु-संत कैसे विश्वास करते? शेखावत ने कहा कि सरकार में बैठे हुए मंत्री, सरकार के लोग बाबा विजयदास को आत्मदाह के मुकाम तक पहुंचाने के लिए दोषी हैं। सब षड्यंत्रकारी है और निश्चित ही इसकी जांच होनी चाहिए।

जनता को भ्रमित कर रहे सरकार के मुखिया

शेखावत ने कहा कि अपने पापों को छुपाने के लिए सरकार में बैठे मुखिया और मंत्री लगातार जनता को भ्रमित करने का काम कर रहे हैं, लेकिन वह इस पाप से मुक्त नहीं हो सकते। बाबा का बलिदान और जनता का संघर्ष उनके पापों की सजा दिलाकर रहेगा। तीन मंत्रियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं करने के सवाल के जवाब में शेखावत ने कहा कि न्यायालय का रास्ता खुला है। हम निश्चित ही न्यायालय जाएंगे और बाबा का बलिदान व्यर्थ नहीं जाए इसके लिए काम करेंगे।

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