भद्राकाल के बाद चर का चौघड़िया में राखी बांधना रहेगा शुभ

11 अगस्त को भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन

भद्राकाल के बाद चर का चौघड़िया में राखी बांधना रहेगा शुभ

रक्षाबंधन पर शुभ मुहूर्त में राखी बांध सकते हैं। रक्षाबंधन के दिन रात में 8.50 बजे से 9.55 बजे चर का चौघड़िया रहेगा।

जयपुर। रक्षाबंधन का पर्व 11 अगस्त को ही मनाया जाएगा। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार सुबह 10 बजकर 58 मिनट से पूर्णिमा आरंभ हो जाएगी। उसके साथ ही भद्रा भी आरंभ हो जाएगी, जो रात्रि 8.50 मिनट तक रहेगी। ज्योतिषियों के अनुसार भद्रा काल में श्रावणी पर्व मनाने को निषेध किया है। इस पर कुछ ज्योतिषाचार्यों का मानना है कि इस समय को छोड़कर ही भाई की कलाई पर राखी बांधी जाए। वहीं कुछ का यह भी मानना है कि इस बार भद्रा अनिष्ट देने वाली नहीं होगी। उसका निवास पृथ्वी लोक में नहीं होकर पाताल लोक में है। अत: भूलोक पर इसका इतना प्रभाव नहीं पड़ेगा। रक्षाबंधन पर शुभ मुहूर्त में राखी बांध सकते हैं। रक्षाबंधन के दिन रात में 8.50 बजे से 9.55 बजे चर का चौघड़िया रहेगा। इस समय रक्षासूत्र बांधना ज्यादा शुभ रहेगा। पूर्णिमा अगले दिन 12 अगस्त को सुबह 7 बजकर 5 मिनट तक ही रहेगी और रक्षाबंधन हर साल सावन मास की पूर्णिमा तिथि को ही मनाया जाता है। जो सूर्योदय से तीन मुहुर्त कम है। 12 अगस्त को राखी बांधना चाहती हैं तो सुबह 7.05 बजे के पहले-पहले बांध ले क्योंकि बाद में रक्षाबंधन शास्त्र सम्मत नहीं होगा।
 
आयुष्मान योग : 10 अगस्त को शाम 7.35 बजे से 11 अगस्त को दोपहर 3.31 तक
रवि योग : 11 अगस्त को सुबह 5.30 बजे से 6.53 तक
शोभन योग : 11 अगस्त को 3.32 से 12 अगस्त को 11.33 तक

श्रावणी और फाल्गुनी पूर्णिमा के समय लगने वाले भद्राकाल को शास्त्रों में शुभ नहीं माना है। श्रावण पूर्णिमा यानी रक्षाबंधन और फाल्गुनी पूर्णिमा यानी होलिका दहन की भद्रा को पर्व नहीं मनाने चाहिए। ऐसे में पर्व मनाने पर राजा और गांव, नगर या देश के ऊपर खतरा माना जाता है। धर्मसिंधु स्मृति ग्रंथ में इनका वर्णन है। भद्रा कैसी भी हो अशुभता ही देती है। मेरे हिसाब से भद्रकाल के बाद सम्पूर्ण रात्रि से लेकर अगले दिन सुबह पूर्णिमा तिथि बहने भाई की कलाई पर राखी बांध सकती है।

-पंडित दुर्गादत्त शिवदत्त शास्त्री, ज्योतिषाचार्य, वेद वेदांग अनुशीलन संस्थान के अधिष्ठाता

इस बार भद्रा का निवास पृथ्वी लोक में नहीं होकर पाताल लोक में है। अत: भूलोक पर इसका इतना प्रभाव नहीं रहेगा। शास्त्रानुसार 11 अगस्त को रात 8.50 बजे के बाद भद्रा के उपरांत राखी बांधना अधिक उपयुक्त है। इस दिन रात में 8.50 बजे से 9.55 बजे तक चर का चौघड़िया है रहेगा। इस समय में रक्षा सूत्र बांधना ज्यादा शुभ रहेगा।

-डॉ अनीष व्यास, ज्योतिषाचार्य, निदेशक पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर-जोधपुर

रक्षाबंधन पर शाम को 6.18 बजे से लेकर रात 8 बजे तक मुख भद्रा रहेगी। इस दिन प्रदोषकाल में शुभ, लाभ, अमृत में से कोई एक चौघड़िया देखकर राखी बांध सकते हैं
 
-मनोज पारीक,ज्योतिषाचार्य

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