भारत के पहले छोटे उपग्रह प्रक्षेपण वाहन (एसएसएलवी) ने भरी उड़ान

एसएलवी ने एसढीएससी शार रेंज से सफलतापूर्वक उड़ान भरी

भारत के पहले छोटे उपग्रह प्रक्षेपण वाहन (एसएसएलवी) ने भरी उड़ान

इस मौके पर इसरो अध्यक्ष डॉ एस सोमनाथ, पूर्व इसरो अध्यक्ष डॉ के राधाकृष्णन और श्री के सिवन तथा मिशन नियंत्रण केंद्र के वैज्ञानिक मौजूद रहे

श्रीहरिकोटा। भारत के पहले छोटे उपग्रह प्रक्षेपण वाहन (एसएलवी) ने पृथ्वी अवलोकन उपग्रह (ईओएस)-02 और एक सह-यात्री उपग्रह 'आजादीसैट' के साथ रविवार को यहां सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) से उड़ान भरी। तड़के 02 बजकर 18 मिनट पर शुरू हुई उल्टी गिनती के सात घंटे बाद सुबह 09.18 बजे एसएलवी ने एसढीएससी शार रेंज से सफलतापूर्वक उड़ान भरी। इस मौके पर इसरो अध्यक्ष डॉ एस सोमनाथ, पूर्व इसरो अध्यक्ष डॉ के राधाकृष्णन और श्री के सिवन तथा मिशन नियंत्रण केंद्र के वैज्ञानिक मौजूद रहे।
रॉकेट के उड़ान भरने के साथ ही आसमान में नारंगी धुएं का गुबार उड़ता नजर आया और ऐसा लगा जैसे इसने पृथ्वी को हिला दिया। एसएसएलवी 34 मीटर लंबा है जो पीएसएलवी से लगभग 10 मीटर कम है। पीएसएलवी के 2.8 मीटर की तुलना में इसका व्यास दो मीटर है। एसएसएलवी का उत्थापन द्रव्यमान 120 टन है, जबकि पीएसएलवी का 320 टन है, जो 1,800 किलोग्राम तक के उपकरण ले जा सकता है।

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