रूस और यूक्रेन युद्ध में बढ़ा परमाणु खतरा
यूरोप के सबसे बड़े न्यूक्लियर प्लांट से मच सकती है तबाही
संयुक्त राष्ट्र के न्यूक्लियर वाचडॉग ने यूक्रेन के जेपोरिजिया परमाणु प्लांट से परमाणु आपदा के वास्तिव जोखिम की चेतावनी देते हुए उसके करीब किसी भी तरह की सैन्य कार्रवाई को तत्काल खत्म करने का आह्वान किया है।
कीव। रूस और यूक्रेन के युद्ध को 165 दिन हो गए हैं। इस बीच न्यूक्लियर तबाही की आशंका जताई जा रही है। ये न्यूक्लियर तबाही रूस के परमाणु बम से नहीं, बल्कि यूक्रेन के एक न्यूक्लियर प्लांट से होने की आशंका जताई गई है। संयुक्त राष्ट्र के न्यूक्लियर वाचडॉग ने यूक्रेन के जेपोरिजिया परमाणु प्लांट से परमाणु आपदा के वास्तिव जोखिम की चेतावनी देते हुए उसके करीब किसी भी तरह की सैन्य कार्रवाई को तत्काल खत्म करने का आह्वान किया है। अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के प्रमुख राफेल मारियानो ग्रॉसी ने कहा कि वह यूरोप के सबसे बड़े परमाणु ऊर्जा संयंत्र पर गोलीबारी से बहुत चिंतित हैं। उन्होंने यह चिंता तब जाहिर की है जब यूक्रेन की ओर से कहा गया कि रूसी हमलों के कारण प्लांट का कुछ हिस्सा क्षतिग्रस्त हुआ है। रूस ने मार्च में इस प्लांट पर कब्जा जमा लिया था। प्लांट के यूक्रेनी कर्मचारी अंदर ही फंसे हैं। यूक्रेन ने आरोप लगाया है कि रूसी सेना प्लांट से रॉकेट दाग रही है।
विनाशकारी परिणाम
हमले एक परमाणु आपदा के वास्तविक जोखिम को दिखाते हैं जो यूक्रेन और उसके बाहर सार्वजनिक स्वास्थ्य और पर्यावरण को खतरे में डाल सकता है। उन्होंने कहा कि न्यूक्लियर फैसिलिटी पर सैन्य गोलीबारी या वहां से निर्देशित सैन्य गोलीबारी से संभावित विनाशकारी परिणाम होंगे। उन्होंने कहा कि यूक्रेन के स्टाफ को उनका काम बिना किसी दबाव या डर के करने देना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आईएईए को टेक्निकल सपोर्ट देने की इजाजत मिले।
न्यूक्लियर रिसाव के खतरे से एक यूनिट बंद
उन्होंने आगे कहा कि यूक्रेन और अन्य जगहों पर संभावित परमाणु दुर्घटना से हमें लोगों को बचाना है। हमें अपने मतभेद भूल कर काम करना चाहिए। जेपोरिजिया प्लांट के संचालक ने कहा कि रूसी मिसाइल हमले के कारण न्यूक्लियर रेडिएशन के रिसाव का खतरा था, जिसके कारण हमें अपना एक पावर यूनिट बंद करना पड़ा। वहीं रूस का कहना है कि हमला यूक्रेन ने किया था।
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