सुविवि : स्टूडेंट्स की गोपनीय जानकारी आउट होने पर बवाल

एनएसयूआई के दावेदार सहित तीन के खिलाफ मामला दर्ज

सुविवि : स्टूडेंट्स की गोपनीय जानकारी आउट होने पर बवाल

उदयपुर। सुखाड़िया विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव को लेकर रैली निकालते हुए शक्ति प्रदर्शन करने पहुंचे एनएसयूआई के संभावित दावेदारों ने रजिस्ट्रार व मुख्य चुनाव अधिकारी के सामने ऐसा जोश दिखाया कि उनकी टेबल पर लगा कांच ही टूट गया।

उदयपुर। सुखाड़िया विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव को लेकर रैली निकालते हुए शक्ति प्रदर्शन करने पहुंचे एनएसयूआई के संभावित दावेदारों ने रजिस्ट्रार व मुख्य चुनाव अधिकारी के सामने ऐसा जोश दिखाया कि उनकी टेबल पर लगा कांच ही टूट गया। इसका परिणाम यह निकला कि रजिस्ट्रार ने तीनों ही संभावित दावेदारों के खिलाफ प्रतापनगर थाने में सरकारी सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने का मामला दर्ज करवा दिया है। घटनाक्रम के अनुसार सोमवार को एनएसयूआई के कीर्तिराज सिंह, मोहित नायक व हिमांशु पंवार ने रैली निकाली। इसके बाद सभी रजिस्ट्रार कार्यालय पहुंचे, जहां उन्होंने एबीवीपी के पास स्टूडेंट्स से संबंधित लिस्ट होने का आरोप लगाया। एनएसयूआई से केंद्रीय छात्रसंघ के प्रबल दावेदार माने जा रहे कीर्तिराज ने कहा कि चुनाव में फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। स्टूडेंट्स की सूची गोपनीय होती है, लेकिन वह एबीवीपी के पास पहुंच चुकी है। रजिस्ट्रार ने इस संबंध में जांच करवाने की बात कही, लेकिन साथी छात्रनेता उग्र हो गए और रजिस्ट्रार की टेबल पर थाप मारने लगे जिससे उस पर रखा कांच टूट गया। इस अवसर पर प्रतापनगर थाना पुलिस के जवान भी मौके पर मौजूद थे, लेकिन वे मूकदर्शक बने रहे। मामले में रजिस्ट्रार देवासी ने प्रतापनगर थाने में तीनों कार्यकर्ताओं के खिलाफ प्रकरण संख्या 616, 223 पीडीपी एक्ट (सेक्शन 3 इन द प्रिवेंशन आॅफ डैमेज टू पब्लिक प्रोपर्टी एक्ट 1984) और आईपीसी की धारा 143, 353 में मामला दर्ज करवाया है। बड़ा सवाल : आखिर सूचियां बाहर कैसे आई? एनएसयूआई द्वारा रजिस्ट्रार से अभद्रता करना अनुचित है, लेकिन इन दावेदारों ने सुविवि प्रबंधन के सामने स्टूडेंट्स की निजी जानकारी वाली सूचियां आउट होने संबंधी गम्भीर मामले में सवाल खड़ा किया। जब स्टूडेंट्स के बारे में जानकारी गोपनीय होती है तो यह एबीवीपी के पास कैसे पहुंची। ऐसा पूर्व चुनावों में भी देखने को मिला है यानी सुविवि में ही कोई ऐसा व्यक्ति है जो इन गोपनीय सूचनाओं को बाहर पहुंचाने का कार्य कर रहा है। एनएसयूआई के इन आरोपों की जांच होनी चाहिए।

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