सुविधा मिले तो देश-विदेश में छा सकते हैं कोटा के खिलाड़ी

वुशू खेल चर्चित कम, लेकिन अब बढ़ रहा क्रेज

सुविधा मिले तो देश-विदेश में छा सकते हैं कोटा के खिलाड़ी

कोटा के कई खिलाड़ी अब तक अन्तरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय स्तर पर वुशू खेल में पदक हासिल कर कोटा का नाम रोशन कर चुके हैं। खिलाड़ियों की यह उपलब्धि उस समय है जब इनके अभ्यास के लिए न तो निश्चित जगह है और न ही वूशु रिंग।

कोटा। मार्शल आर्ट की विधाओं जैसे जूडो-कराटे, ताइक्वांडो की तुलना में वुशू कम चर्चित है, लेकिन अब धीरे-धीरे खिलड़ियों में इसका क्रेज बढ़ता जा रहा है। जो खिलाड़ी इस खेल से परिचित हैं वह इसमें करियर बनाना चाहते हैं। कोटा में भी वुशू खिलाड़ियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। कई खिलाड़ी अब तक अन्तरराष्ट्रीय राष्ट्रीय स्तर पर वुशू खेल में पदक हासिल कर कोटा का नाम रोशन कर चुके हैं। तब विदेश में बढ़ाया था मान वुशू खेल में राजस्थान को पहला अंतरराष्ट्रीय पदक देने वाले कोटा ने राष्ट्रीय स्तर के सैकडों खिलाड़ी दिए है जिन्होंने अपने दम पर राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक प्राप्त कर कोटा के साथ राजस्थान का भी मान बढ़ाया है। 7वीं जूनियर एशियन चैंपियनशिप जो मनीला फिलीपिन्स में वर्ष 2013 में आयोजित हुई थी, उसमें कोटा के खिलाड़ी महिपाल सिंह गुर्जर ने राजस्थान के लिए पहला पदक प्राप्त किया था। वर्ष 2021 की सब जूनियर राष्ट्रीय प्रतियोगिता में कोटा के खिलाड़ियों की बदौलत राजस्थान टीम ने हरियाणा टीम को परास्त कर प्रथम स्थान प्राप्त किया था। फिर भी लहराया जीत का परचम राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में कोटा के खिलाड़ियों के नाम अनगिनत पदक है। कोटा के खिलाड़ियों की यह उपलब्धि उस समय है जब इनके अभ्यास के लिए न तो निश्चित जगह है और न ही वूशु रिंग। यदि अभ्यास के लिए निश्चित जगह और रिंग मिल जाए तो खिलाड़ियों में इतनी प्रतिभा है कि वो देश विदेश के मानचित्र पर कोटा का नाम रोशन कर सकते हैं। हालांकि अब नगर विकास न्यास द्वारा नयापुरा में तीन इंडोर स्टेडियम बनाए गए है, यदि उसमें रिंग के साथ यहां अभ्यास की सुविधा मिले तो कोटा के खिलाड़ी भविष्य में और भी बड़ी उपलब्धि हासिल कर सकेंगे।

इनका कहना है......

कोटा के खिलाड़ियों ने बिना रिंग और स्थाई जगह के अंतरराष्ट्रीय व राष्टÑीय स्तर पर कोटा का नाम रोशन किया है। रिंग और स्थाई जगह के साथ यदि इनको स्थाई एनआईएस कोच मिल जाए तो कोटा वुशू खेल में भी सिरमौर हो जाएगा। अन्य खेलों की तरह वुशू खेल में भी राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर पदकों की संख्या में बढ़ोतरी होगी। - अशोक गौतम, सचिव, कोटा जिला वुशू एसोसिएशन

राज्य सरकार की ओर से फिलहाल सुविधा पर कोटा लगा रखा है। वह खिलाड़ियों को तैयार करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। इसके लिए नियमित रूप से अभ्यास भी किया जा रहा है। कोटा के खिलाड़ियों में वो काबिलियत है जिससे वह देश व दुनिया में कोटा का परचम लहरा सकते है। -सूरज गौतम, प्रथम एनआईएस कोच वुशू

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