भारत में फैलता ड्रग्स का मायाजाल

भारत में फैलता ड्रग्स का मायाजाल

देश में ड्रग्स यानी नशीले मादक पदार्थों का बाजार एक बार फिर गरमा गया।

देश में ड्रग्स यानी नशीले मादक पदार्थों का बाजार एक बार फिर गरमा गया। हाल ही में मुंबई में गोवा की तरफ जाने वाले क्रूज में रेव पार्टी करते हुए बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता के बेटे को गिरफ्तार किया। बॉलीवुड और ड्रग्स का काफी पुराना नाता रहा है।


ड्रग्स ( गांजा, चरस, अफीम, हेरोइन) का सेवन आज के युवा वर्ग में ग्लैमरस बन गया है। अन्तरराष्ट्रीय बाजार में भारत अब ड्रग्स व्यापार तथा तस्करी का केंद्रबिंदु बन चुका है। भारत में ड्रग्स की बड़ी मात्रा में जो खेप आती है, वो हमारे पड़ोसी देशों से आती हैं जिसमें म्यांमार, पाकिस्तान और अफगानिस्तान शामिल है। ईरान, अफगानिस्तान और पाकिस्तान को गोल्डन क्रेसेंट कहा जाता है। भौगोलिक रूप से देखें तो हमारा देश इनके मध्य में स्थित है। विश्व में सर्वाधिक हेरोइन का उत्पादन अफगानिस्तान में होता है।


नवीनतम वैश्विक अनुमानों के अनुसार 15 - 64 वर्ष आयु के बीच लगभग 5.5% लोग ऐसे हैं, जिन्होंने बीते साल कम से कम एक बार ड्रग्स का उपयोग किया। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में साल 2009 में 21 करोड़ लोग  ड्रग्स से पीड़ित थे, 2018 में यह आंकडा बढ़कर 27 करोड़ हो गया। विकासशील राष्ट्रों की तुलना में विकसित देशों में यह आंकडा ज्यादा देखा गया।


हर वर्ष 26 जून को विश्व एंटी ड्रग्स दिवस के रूप में मनाया जाता है। वठडऊउ ( संयुक्त राष्ट्र ड्रग्स क्राइम) द्वारा जारी विश्व ड्रग्स रिपोर्ट - 2021 के अनुसार पिछले साल लगभग 27 करोड़ लोग ग्लोबली ड्रग्स का सेवन करते हैं, उनमें से 3 करोड़ ड्रग्स डिसॉर्डर से पीड़ित हैं। उडश्कऊ - 19 महामारी के दौरान काफी देशों में कैनाबिस (भांग, गांजा) की मांग बढ़ गई। अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर इंजेक्टेड ड्रग्स के प्रयोग से 1 करोड़ लोग हिपेटिटिस -उ रोग से ग्रसित है विश्व एंटी ड्रग्स दिवस 2021 की थीम -  ‘‘ड्रग्स पर तथ्य साझा करें जीवन बचाएं ’’ रखी गई।

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भारत में 13% लोग ड्रग्स डिसॉर्डर से पीड़ित हैं। हमारे देश में तीन प्रमुख राज्य पंजाब, मिजोरम और मणिपुर सर्वाधिक प्रभावित हैं। ठउफइ की सर्वे के अनुसार देश में प्रतिवर्ष 7 हजार 800 मौतें ड्रग्स के ओवरडोज से होती हैं यानी रोज 21 मौत नशीलें मादक द्रव्यों के सेवन से हो रही हैं। भारत में लगभग 3 करोड़ लोग गांजा व 2.5 करोड़ लोग अफीम का प्रयोग करते हैं। अफीम की खेती राजस्थान व हिमाचल में मुख्यत: होती है। हमारे देश में ज्यादातर ड्रग्स सीमा पार से आती हैं। अभी कुछ सालों में बॉर्डर एरिया में अवैध तस्करी के कई मामले दर्ज किए गए, जिसमें पाकिस्तान से आने वाली हेरोइन की बड़ी खेप बरामद की गई। कुछ दिन पूर्व गुजरात के मुंदरा पोर्ट पर भारी मात्रा में ड्रग्स पकड़ी गई जिसकी कीमत अन्तरराष्ट्रीय बाजार में 9 हजार करोड़ आंकी गई इनके संबंध ईरान से मिले।

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भारत के महानगरों में रेव पार्टी के नाम बड़ी मात्रा में ड्रग्स परोसा जाता है जिसका कुप्रभाव हमारे समाज व युवा वर्ग पर पड़ा। युवाओं द्वारा नशीले मादक पदार्थों का अत्यधिक सेवन उनके मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल रहे हैं, जिससे कम उम्र में युवाओं द्वारा मानसिक प्रताड़ना आत्महत्या घरेलू हिंसा के मामले बड़ी संख्या में सामने आ रहे हैं। नशे के ओवरडोज से हृदय रोग, ऌकश् मानसिक विकार  होते हैं। भारत में दर्द निवारक मेडिसिन ट्रामाडोल का दुष्प्रयोग नशे के रूप में बहुत हो रहा है।

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भारतीय सविंधान के अनुछेद - 47 के अंतर्गत राज्य, अपने लोगों के पोषाहार स्तर और जीवन स्तर को ऊंचा करने और लोक स्वास्थ्य के सुधार को अपने प्राथमिक कर्तव्यों में मानेगा और राज्य, विशिष्टतया, मादक पेयों और स्वास्थ्य के लिए हानिकर औषधियों के, औषधीय प्रयोजनों से भिन्न, उपभोग का प्रतिषेध करने का प्रयास करेगा। परन्तु राज्य सरकारों द्वारा नशा मुक्ति अभियान के अलावा कुछ खास काम नहीं हुए। हमारे देश में ड्रग्स का हब पंजाब, मिजोरम गोवा और हिमाचल जैसे राज्यों में वहां के नारकोटिक्स विभाग द्वारा नाम मात्र की कार्यवाही होती है।


देश में 1985 में नशीले मादक पदार्थों पर नियंत्रण के लिए कानून बनाया गया - ठऊढर अू३ - 1985 जिसके अंतर्गत अफीम की खेती बिना लाइसेंस के प्रतिबंधित है और नशीले मादक पदार्थों की अवैध तस्करी व सेवन करने पर 20 वर्ष तक जेल हो सकती है।


आखिरकार इस विकट समस्या का यही हल है कि हमें राष्ट्रीय स्तर पर नशे के खिलाफ जागरुकता अभियान चलाने चाहिए। युवा वर्ग व ग्रामीण क्षेत्रों में इसके हानिकारक प्रभाव से अवगत कराना होगा। नशीले पदार्थों के सेवन, उसकी अवैध तस्करी करने वालों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई करनी होगी। साथ ही ड्रग्स डीलरों व व्यापारियों को निष्क्रिय करना ही होगा।
- रघुवीर चारण
(ये लेखक के अपने विचार हैं)


भारत में ड्रग्स की बड़ी मात्रा में जो खेप आती है, वो हमारे पड़ोसी देशों से आती हैं जिसमें म्यांमार, पाकिस्तान, और अफगानिस्तान शामिल है। ईरान, अफगानिस्तान और पाकिस्तान को गोल्डन क्रेसेंट कहा जाता है। भौगोलिक रूप से देखें तो हमारा देश इनके मध्य में स्थित है।

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