पहली बार वुल्फ ब्रीडिंग सेंटर में बनाए सात जोड़े
सीजन में अच्छे प्रजनन की उम्मीद, इस बार जीनपूल चेंज करने पर रहेगा फोकस
नाहरगढ़ जैविक उद्यान प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार इस बार कोशिश रहेगी कि साउथ के चिड़ियाघर और बायोलॉजिकल पार्क से एक्सचेंज में भेड़िए लाए जा सकें ताकि जैविक उद्यान में इनका जीनपूल चेंज किया जा सके।
जयपुर। नाहरगढ़ जैविक उद्यान स्थित रेस्क्यू सेंटर में बनाए वुल्फ ब्रीडिंग सेंटर में इस बार वुल्फ के सात पेयर बनाए हैं। पहली बार प्रशासन ने ऐसी कवायद की है, जिससे सीजन में अच्छा प्रजनन हो सके। भविष्य में दूसरे राज्यों से वन्यजीव एक्सचेंज कार्यक्रम के तहत भेड़ियों के एक्सचेंज के जरिए नए और आकर्षक एनिमल्स जयपुर लाए जा सके। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस बार वन्यजीव एक्सचेंज कार्यक्रम के तहत उदबिलाव लाने की कोशिशें की जाएगी। क्योंकि यह एनिमल अभी तक जयपुर में देखने को नहीं मिला है। इस समय नाहरगढ़ जैविक उद्यान में नर, मादा और बच्चों को मिलाकर 18 वुल्फ हैं।
साउथ से लाए जा सकते हैं भेड़िए
नाहरगढ़ जैविक उद्यान प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार इस बार कोशिश रहेगी कि साउथ के चिड़ियाघर और बायोलॉजिकल पार्क से एक्सचेंज में भेड़िए लाए जा सकें ताकि जैविक उद्यान में इनका जीनपूल चेंज किया जा सके। इससे पहले अलग-अलग जू और जैविक उद्यान से लाए भेड़ियों के जरिए नाहरगढ़ जैविक उद्यान में इनके तीन जीनपूल बनाए हैं। इस प्रक्रिया की शुरुआत वर्ष 2010-11 से की गई। तब जूनागढ़ से मादा वुल्फ जयपुर लाई गई थी। जीनपूल का डेटा बनाने के लिए वुल्फ के माइक्रोचिप भी लगानी शुरू की ताकि इनके माता-पिता और बच्चों की जानकारी एकत्र की जा सके।
दिया जा रहा अनुकूल वातावरण
रेस्क्यू सेंटर में बनाए वुल्फ ब्रीडिंग सेंटर में वुल्फ को उनके अनुकूल वातावरण दिया जा रहा है। यहां इनके लिए मटबाथ बनाया है। इनकी खुराक पर ध्यान दिया जा रहा है। बीमारियों से बचाव के लिए वुल्फ का वैक्सीनेशन भी किया।
रेस्क्यू सेंटर स्थित वुल्फ ब्रीडिंग सेंटर में पहली बार भेड़ियों के 7 जोड़े बनाए गए हैं। ताकि इस बार इनका अच्छा प्रजनन हो सके। इनके खान-पान सहित दवाईयों का विशेष ध्यान रखा जा रहा है।- डॉ.अरविंद माथुर, वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी, नाहरगढ़ जैविक उद्यान
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