नहीं रहे डॉ. SN सुब्बाराव
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सुब्बाराव के निधन पर जताया गहरा दुख
जयपुर। एसएमएस अस्पताल में भर्ती गांधीवादी विचारक डॉ. एसएन सुब्बाराव का मंगलवार को तबीयत खराब होने के बाद बुधवार सुबह निधन हो गया है। 92 साल की उम्र में हुआ निधन उनका पिछले 6 दिन से SMS अस्पताल में इलाज चल रहा था। गांधीवादी विचारक पद्मश्री डॉ. एस एन सुब्बाराव ने गांधीवादी विचारों को स्थापित करने में विशेष नाम कमाया।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सुब्बाराव के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री गहलोत ने ट्वीट करते हुए कहा कि वयोवृद्ध गांधीवादी, भाईजी डॉ एसएन सुब्बाराव जी के निधन से मुझे व्यक्तिगत रूप से बेहद आघात पहुंचा है। 70 वर्षों से अधिक समय से देश के युवाओं से जुड़कर, लगातार अपने शिविरों के माध्यम से उन्हें प्रेरणा देने वाले देश की पूंजी गांधीवादी विचारक और प्रेरक का देहांत एक अपूरणीय क्षति है। भाईजी ने जीवनपर्यन्त युवाओं को जागरूक करने की मुहिम चलाई, विदेशों में भी वहां पर नई पीढ़ी को देश के बारे में बताया, यहां के संस्कार, संस्कृति, अनेकता में एकता का सन्देश उन तक पहुंचाने का कार्य किया। उनके शिविरों में आकर मुझे बेहद सुकून महसूस होता रहा। उनके प्रेरणागीत और विचार प्रेरणादायी सन्देश देते रहेंगे। हम सौभाग्यशाली हैं कि राजस्थान में उनका सानिध्य हमको मिलता रहा। ईश्वर से प्रार्थना है उनके सहयोगियों एवं फॉलोवर्स को इस बेहद कठिन समय में सम्बल प्रदान करें एवं दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें।
उल्लेखनिय है कि सुब्बाराव को सीएम अशोक गहलोत अपना आदर्श मानते थे। सुब्बाराव काफी समय से अस्वस्थ थे। पिछले 6 दिनों से उनका जयपुर सवाई मानसिंह अस्पताल में इलाज चल रहा था। वहीं पर उन्होंने आज सुबह अंतिम सांस ली। मंगलवार शाम को ही सीएम अशोक गहलोत उनका कुशलक्षेम पूछने के लिये एसएसएस अस्पताल गये थे। इससे पहले भी उनसे मिलने मुख्यमंत्री गहलोत एसएमएस अस्पताल पहुंचे थे, जहां सीएम गहलोत चिकित्सकों से लगातार उनके स्वास्थ्य की जानकारी भी ले रहे थे।
बता दे कि 1929 में बेंगलुरु में जन्मे डॉ. सुब्बाराव 13 वर्ष की उम्र में ही भारत छोड़ो आंदोलन से जुड़ गये थे। गांधीवादी विचारों को स्थापित करने के लिए पहचाने जाने वाले डॉ. सुब्बाराव ने चंबल घाटी में कुख्यात डकैतों से सरेंडर करवाया था। गांधी सेवा संघ की स्थापना कर हजारों लोगों को रोजगार दिया था। सुब्बाराव राष्ट्रीय सेवा योजना संस्थापक सदस्य थे। उन्होंने नेशनल यूथ प्रोजेक्ट की भी स्थापना की थी।
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