संयुक्त राष्ट्र की नियम आधारित व्यवस्था का समर्थन करता है भारत : राजनाथ
भारत संयुक्त राष्ट्र की नियम आधारित व्यवस्था का समर्थन करता है, लेकिन अपने समुद्री हितों की रक्षा करने के लिए भी प्रतिबद्ध है।
नई दिल्ली। भारत संयुक्त राष्ट्र की नियम आधारित व्यवस्था का समर्थन करता है, लेकिन अपने समुद्री हितों की रक्षा करने के लिए भी प्रतिबद्ध है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हिन्द प्रशांत क्षेत्रीय संवाद को मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित करते हुए कहा कि भारत कानूनों से संबंधित संयुक्त राष्ट्र संधि 1982 के अनुरूप सभी देशों के अधिकारों का सम्मान करता है। साथ ही हम नियम आधारित समुद्री व्यवस्था का समर्थन करते हुए अपनी समुद्री सीमा और विशेष आर्थिक क्षेत्र के संबंध में अपने वैध अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए भी प्रतिबद्ध हैं।
मंत्री सम्मेलन में मौजूद नहीं थे और न ही उन्होंने इसमें वर्चुअल माध्यम से हिस्सा लिया। उनका संदेश सम्मेलन में दिखाया गया। इससे पहले संयोजक ने रक्षा मंत्री का परिचय भी कराया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की इस टिप्पणी कि हिन्द प्रशांत एक प्राकृतिक क्षेत्र है, जिससे विभिन्न संस्थाओं की नीयति आपस में परस्पर जुड़ी हुई हैं का उल्लेख करते हुए सिंह ने कहा कि समुद्र संपर्क तथा संचार का महत्वपूर्ण साधन है, जिससे सामानों और विचारों के आदान प्रदान के साथ साथ दुनिया को एक दूसरे के करीब लाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यद्धपि हिन्द प्रशांत संस्क़ति, समुदायों , आर्थिक मॉडल, शासन प्रणाली और अलग अलग आकांक्षाओं की विविधता के लिए जाना जाता है, लेकिन यह सागर सबको जोडऩे का एक साझा सेतु है। उन्होंने सभी की समृद्धि के लिए सहयोग, दक्षता और साझेदारी पर आधारित तरीकों से समुद्री संभावनाओं के दोहन पर बल दिया।
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