निशाने पर हिन्दू
आतंकी आसानी से लोगों को निशाना बनाने में सफल होते है
इस बार आतंकियों ने शोपियां के चोटीपुरा मे काम कर रहे 2 कश्मीर के पण्डितों पर गोलियां चलाई, जिनमें से एक की मौके पर ही मौत हो गई और दूसरा अस्पताल में है।
कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद आतंकवादी एक बार फिर कश्मीरी हिन्दुओं को निशाना बनाने में सफल हो गए। कश्मीर में अलर्ट घोषित था। इस दौरान भी यदि आतंकी आसानी से लोगों को निशाना बनाने में सफल होते है, तो यह निश्चित ही काफी चिंता की बात है। इस बार आतंकियों ने शोपियां के चोटीपुरा मे काम कर रहे 2 कश्मीर के पण्डितों पर गोलियां चलाई, जिनमें से एक की मौके पर ही मौत हो गई और दूसरा अस्पताल में है। यह ठीक नहीं है कि कश्मीरी पण्डितों, सिखों व गैर कश्मीरी लोगों को निशाना बनाकर भय का माहौल बनाया जा रहा है। आतंकी हिन्दुओं और गैर कश्मीरियों को भयभीत करके कश्मीर छोड़ने को मजबूर कर रहे है।
अब आतंकियों की रणनीति बदल गई है। पहले वह केवल सरकार को चुनौती देने के उद्देश्य से हमले करते थे या फिर उन लोगों को निशाना बनाते थे, जो उनके खिलाफ जाने की कोशिश करते थे, लेकिन अब वह सरकार की सुरक्षा व्यवस्था को चुनौती देने के साथ-साथ गैर कश्मीरियों व कश्मीरी पण्डितों व सिखों को निशाना बनाकर कश्मीर से बाहर निकालने की रणनीति पर काम कर रहे है। पिछले एक साल में कई बाहरी मजदूरों, कश्मीरी पण्डितों व सिखों की हत्याएं कर दी गई है। अभी भी युवकों की आतंकी संगठनों में भर्तियां चल रही है और सरकार स्वयं इसे स्वीकार भी करती है। अब कश्मीरी पण्डित असुरक्षित है और सरकार से मांग कर रहे हैं कि उन्हें सुरक्षित बाहर निकाला जाए। कई परिवार चले भी गए है। फिर भी सरकार उन्हें सुरक्षा देने के लिए आश्वस्त कर रही है। सरकार गैर कश्मीरियों, कश्मीरी पण्डितों व सिखों को सुरक्षा देने में असफल सिद्ध हो रही है।
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