ट्रक दौड़ रहे ट्रेन की चाल!
डीएफसीसी का कमाल : विशेष मालगाड़ी पर एक बार में 50 ट्रक पहुंच रहे गंतव्य तक
आपने कभी ट्रकों को ट्रेन पर जाते हुए देखा है। डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर ने अपनी क्षमता का विस्तार करते हुए ट्रक ऑन ट्रेन (टीओटी) का संचालन शुरू
अजमेर। आपने कभी ट्रकों को ट्रेन पर जाते हुए देखा है। डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर ने अपनी क्षमता का विस्तार करते हुए ट्रक ऑन ट्रेन (टीओटी) का संचालन शुरू कर दिया है। इस ट्रेन के चलने से कई तरह के खर्चों में कमी आएगी। साथ ही माल परिवहन की लागत भी कम होगी।
डीएफसीसी की ओर से ‘ट्रक ऑन ट्रेन’ चलाई जा रही है। डीएफसीसी अजमेर की ओर से पालनपुर से रेवाड़ी तक इस तरह की टीओटी मालगाड़ियों का संचालन किया जा रहा है। यह एक नई तरह की सुविधा है। इसमें माल से भरे हुए ट्रक ट्रेन के विशेष प्रकार के रैक पर लोड किए जाते हैं। इन ट्रकों में ड्राइवर भी सवार रहता है। ट्रेन के गंतव्य स्थान पर पहुंचते ही ड्राइवर ट्रकों को लेकर अपने निर्धारित स्थान के लिए रवाना हो जाते हैं। एक बार में 50 ट्रकों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजा जा सकता है।
चंद घंटों में पहुंच जाता है सामान
डीएफसीसी अधिकारियों के अनुसार टीओटी का संचालन व्यापारियों की विशेष मांग पर किया जाता है। इसमें माल से भरे हुए ट्रक अथवा खाली ट्रकों को ट्रेन पर लोड किया जाता है। डीएफसीसी अजमेर की ओर से पालनपुर से रेवाड़ी के बीच 650 किलोमीटर की दूरी का सफर मात्र 10 घंटे में पूरा कर लिया जाता है। यह ट्रेन बिना रुके सीधे एक स्थान से दूसरे स्थान के लिए चलाई जाती है। डीएफसीसी के इलेक्ट्रिफाइड ट्रैक पर ट्रेन 100 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से दौड़ती है।
कई फायदे
इस ट्रेन के चलने से कई तरह से फायदे हैं। पहले सामान ट्रकों में लोड किया जाता है। फिर वहीं ट्रक ट्रेन के एक प्लेटफार्म पर चढ़ाए जाते हैं। ऐसे में सामान को बार- बार चढ़ाने उतारने में समय खराब नहीं होता। सामान खराब भी नहीं होता। ट्रेन से ट्रक गंतव्य स्थान तक पहुंच जाते हैं। ऐसे में ट्रकों में ईंधन की बचत होती है। ट्रक के टायर नहीं घिसते, ट्रोल टैक्स नहीं देना पड़ता। कई दिनों का सफर चंद घंटों में पूरा कर लिया जाता है। खराब होने वाले सामान और जल्दी पहुंचाने वाले सामान को शीघ्रता से भेजा जा सकता है। निर्धारित स्टेशन से ट्रक सीधे गंतव्य के लिए रवाना हो जाते हैं।
नई संभावनाओं की तलाश
डीएफसीसी अधिकारियों के अनुसार पालनपुर से रेवाड़ी तक टीओटी चलाई गई है। अब ब्यावर, किशनगढ़, मारवाड़ आदि से इस तरह की ट्रेन संचालित करने की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। इससे व्यापार को गति मिलेगी। साथ ही खर्चों में कमी आएगी और पर्यावरण संरक्षण होगा।
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