जन्माष्टमी पर मंदिर में गरजी तोपें, दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की लगी भीड़

मंदिर में बंदूकों से रस्म की पूरी

जन्माष्टमी पर मंदिर में गरजी तोपें,  दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की लगी भीड़

इस मौके पर ठाकुरजी की हवेलियों ही नहीं, घरों में भी बधाई गान का सिलसिला चल पड़ा। देर रात तक मंदिरों में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही।

नाथद्वारा। श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव पर प्रसिद्ध श्रीनाथ मंदिर की ओर से नगर के रिसाला चौक में तोपें गरजी। चौक में शाम से ही तोपों की गर्जना देखने व नाथद्वारा में जन्माष्टमी पर्व का आनंद लेने के लिए गांव-कस्बों और कई राज्यों से श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगना शुरू हो गया था। बताया गया कि तोपें छोड़ने की यह परम्परा 300 साल से भी ज्यादा पुरानी है। रात के 12 बजे बजते ही रिसाला चौक में 21 तोपें दागकर कान्हा के आगमन की सूचना जगत को दी गई। कांकरोली के द्वारकाधीश मंदिर में बंदूकों से रस्म पूरी की गई। इस मौके पर ठाकुरजी की हवेलियों ही नहीं, घरों में भी बधाई गान का सिलसिला चल पड़ा। देर रात तक मंदिरों में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही।

इससे पहले अलसुबह से मंगला के दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं की कतारें लगी रहीं। पुष्टिमार्गीय वल्लभ सम्प्रदाय की प्रधान पीठ नाथद्वारा में श्रीनाथजी और कांकरोली में द्वारकाधीशजी मंदिर में उत्सवी आयोजन हुए। नाथद्वारा में शाम को सवारी निकली। पुष्टिमार्गीय वल्लभ संप्रदाय की प्रधानपीठ प्रभु श्रीनाथजी मंदिर नाथद्वारा में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर मंगला के दर्शन में श्रीजी बावा को पंचामृत से स्नान कराया गया। जन्माष्टमी पर मुखिया कीर्तनकार के नेतृत्व में सहयोगी कीर्तनकारों ने सभी दर्शनों में विशेष कीर्तन का गान किया।

 

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