चीन की आर्थिक हालत खराब

5.5 भी नहीं पहुंची आर्थिक विकास की दर, बढ़ती महंगाई से भी लोगों का बुरा हाल

चीन की आर्थिक हालत खराब

जानकारों की राय में चीन पर न सिर्फ कोरोना महामारी का प्रतिकूल असर पड़ा है बल्कि रूस और यूक्रेन युद्ध से भी वो काफी प्रभावित हुआ है। अन्य देशों की तुलना में चीन पर इनका असर ज्यादा हुआ है।

नई दिल्ली। चीन भले ही सस्ते कर्ज के झांसे में फंसाकर विभिन्न छोटे देशों को काबू करने की नीति पर काम कर रहा है लेकिन, एक हकीकत ये भी है कि उसका अपना घर काफी खराब हालत में है। चीन की अर्थव्यवस्था कोरोना महामारी के बाद से उबर नहीं पाई है। इतना ही नहीं चीन में प्रापर्टी की कीमतों में आई जबरदस्त गिरावट वहां की खराब आर्थिक हालत का संकेत दे रही है। चीन में बीते कुछ समय में महंगाई के अलावा बेरोजगारी भी बढ़ी है और प्रतिव्यक्ति आय कम हुई है। इसको देखते हुए चीन ने ब्याज दरों में कटौती की है। चीन की जीरो कोविड पालिसी जानकारों की राय में चीन पर न सिर्फ कोरोना महामारी का प्रतिकूल असर पड़ा है बल्कि रूस और यूक्रेन युद्ध से भी वो काफी प्रभावित हुआ है। अन्य देशों की तुलना में चीन पर इनका असर ज्यादा हुआ है। जानकारों की राय में चीन कोरोना महामारी को लेकर बनाई चीन की नीति अब उस पर उलटी साबित हो रही है। दरअसल चीन ने कोरोना से बचाव को जीरो कोविड पालिसी शुरू की हुई है। इस पालिसी की बदौलत देश में कारोबार के अलावा उपभोक्ता गतिविधियां काफी हद तक प्रभावित हुई हैं। काम धंधे हुए ठप जीरो कोविड नीति की वजह से कई जगहों का काम ठप होने की वजह से काफी पिछड़ गया है। इसकी बदौलत न सिर्फ काम धंधे ठप हुए हैं बल्कि कई छोटी इकाइयां बंद भी हो गई हैं। चीन की इस नीति से देश के लोग भी ऊब चुके हैं और इसकी आलोचना कर रहे हैं। इस नीति में कोरोना का कोई भी मामला सामने आने परर लाकडाउन लगाने का प्रावधान है। इस नीति की वजह से कई छोटी फैक्टरियां काफी समय तक बंद रही हैं। इसका असर लोगों की आमदनी और रोजगार पर भी पड़ा है और इसकी वजह से देश की सप्लाई चेन बुरी तरह से प्रभावित हुई है। इन सभी के बावजूद चीन के अर्थशास्त्री मान रहे हैं कि चीन अपने को इससे उबार लेगा। वहीं इन जानकारों का ये भी कहना है कि यदि चीन मंदी से घिरा तो इसका असर पूरी दुनिया में दिखाई देगा।

Post Comment

Comment List

Latest News