सुविधाओं के अभाव में भी हैमर थ्रो खेल रहे खिलाड़ी
दूसरे राज्यों में जा रहे कोटा के खिलाड़ी
कोटा में हैमर थ्रो खेल खेलने के लिए के लिए कोई खेल मैदान भी नहीं है। इसके बावजूद भी खिलाड़ियों का रुझान इस खेल की और है। कोटा में ऐसे कई खिलाड़ी है जिन्होंने नेशनल लेवल पर होने वाली हैमर थ्रो प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया है।
कोटा। अपने आप को परफेक्ट बनाने के लिए खिलाड़ी जोखिम भरे खेल भी खेल रहे है। इन जोखिम भरे खेलों में से एक खेल है हैमर थ्रो। कोटा में हैमर थ्रो खेल खेलने के लिए के लिए कोई खेल मैदान भी नहीं है। इसके बावजूद भी खिलाड़ियों का रुझान इस खेल की और है। कोटा में ऐसे कई खिलाड़ी है जिन्होंने नेशनल लेवल पर होने वाली हैमर थ्रो प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया है। राजस्थान में जिन खिलाड़ियों से राज्य स्तर पर मेडल की उम्मीद की जाती है, वे खिलाड़ी ही राजस्थान से नाउम्मीद हो रहे है। बड़ी संख्या में यहां के खिलाड़ी हैमर थ्रो जैसे खेल की ट्रेनिंग हरियाणा जाकर ले रहे हैं। और खिलाड़ी वहीं बस भी रहे है। क्योंकि राजस्थान में उन्हें न राज्य स्तरीय एकेडमी मिलती है और न तैयारी के लिए बेहतरीन कोच। कोटा के कोच व राष्टÑीय खिलाड़ियों व कोच की माने तो राज्य में ट्रेनिंग का विकल्प उपलब्ध नहीं होने के कारण कई खिलाड़ी परिवार दूसरे राज्यों में बस गए है।
कोटा में खिलाड़ियों की संख्या कोटा में हैमर थ्रो खेलने वाले खिलाड़ियों की संख्या 70 से अधिक है। यह खिलाड़ी सुविधाओं के अभाव में भी खुले मैदानों में जाकर प्रतिदिन अभ्यास करते है। कोटा में हैमर थ्रो का अभ्यास करवाने के लिए कोई कोच भी नहीं है। यही वजह है की कोटा के खिलाड़ी हैमर थ्रो खेलने के लिए दूसरे राज्यों की और बढ़ रहे है। राष्ट्रीय स्तरीय खिलाड़ी कोटा के राहुल, सत्यम, यर्थात सुवालका, रेखा प्रजापत, सत्यनारायण मीणा, कुंदन सहित अनेक ऐसे खिलाड़ी है, जो राष्ट्रीय स्तरीय हैमर थ्रो प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेकर कोटा का नाम रोशन कर रहे है।
इनका कहना
कोटा में खिलाड़ियों को अभ्यास करवाने के खेल सर्किल तक नहीं है। इन्हें अभ्यास करवाने के लिए सरकारी कॉलेज के खेल मैदान में ले जाना पड़ता है। जहां तक अन्य खिलाड़ियों को चोट लगने का खतरा बना रहता है। खिलाड़ी सुविधाओं के अभाव में खेल रहे है। खिलाड़ियों को किसी भी प्रकार की कोई सुविधा नहीं मिल रही। -श्याम बिहारी नाहर, ट्रेनर
Comment List