एआईएफएफ ने फीफा से निलंबन के फैसले पर पुनर्विचार करने का किया अनुरोध
उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को सीओए को भंग करने का फैसला किया था
धर ने समोरा को लिखे एक पत्र में शीर्ष अदालत के फैसले की सूचना देते हुए कहा कि हमें आपको यह सूचित करते हुए बेहद खुशी हो रही है कि भारत के माननीय उच्चतम न्यायालय ने हमारे मामले की सुनवाई की और सीओए को पूर्णत: भंग करने और महासंघ की पूरी जिम्मेदारी एआईएफएफ को देने का निर्देश दिया है।
नई दिल्ली। अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) के कार्यवाहक महासचिव सुनंदो धर ने मंगलवार को फीफा की महासचिव फातमा समोरा से 'एआईएफएफ के निलंबन के फैसले पर पुनर्विचार' करने का अनुरोध किया। उल्लेखनीय है कि फीफा ने मंगलवार को तीसरे पक्ष के अनावश्यक हस्तक्षेप का हवाला देते हुए एआईएफएफ को निलंबित कर दिया था और कहा था कि उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित प्रशासकों की समिति (सीओए) के निरस्त होने और एआईएफएफ का कार्यभार महासंघ की कार्यकारी समिति के हाथों में जाने के बाद ही निलंबन हटाया जाएगा।
इस घटना की सनद लेते हुए उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को सीओए को भंग करने का फैसला किया और एआईएफएफ का कार्यभार महासचिव धर को सौंप दिया।धर ने समोरा को लिखे एक पत्र में शीर्ष अदालत के फैसले की सूचना देते हुए कहा कि हमें आपको यह सूचित करते हुए बेहद खुशी हो रही है कि भारत के माननीय उच्चतम न्यायालय ने हमारे मामले की सुनवाई की और सीओए को पूर्णत: भंग करने और महासंघ की पूरी जिम्मेदारी एआईएफएफ को देने का निर्देश दिया है।
उन्होंने पत्र में कहा कि उपरोक्त फैसले को ध्यान में रखते हुए, हम फीफा से और खासकर फीफा ब्यूरो से निवेदन करते हैं कि वह एआईएफएफ को निलंबित करने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करें। क्योंकि आपके निलंबन हटाने की शर्तों को पूरा कर दिया गया है, हम आपसे निवेदन करते हैं कि इस संबंध में जल्द से जल्द फैसला सुनाया जाए ताकि एआईएफएफ भारत में फुटबॉल का कार्यान्वयन सहजता के साथ कर सके।
उन्होंने उम्मीद जताई कि शीर्ष अदालत के इस फैसले के बाद फीफा भारत में आयोजित होने वाले एआईएफएफ और अंडर -17 महिला विश्व कप के निलंबन के फैसले को रद्द कर देगा।
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