गांधी परिवार के बाद कांग्रेस के सबसे बड़े नेता बनकर उभरे अशोक गहलोत
मोदी तक गहलोत के राजनीतिक बयानों को गंभीरता से लेते है
ऐसा भारतीय जनता पार्टी के नेताओं तक का भी मानना है। स्वयं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तक गहलोत के राजनीतिक बयानों को गंभीरता से लेते है और कई बार उन्होंने जवाब भी दिए है।
जयपुर। देश के सबसे बड़े दलों में शुमार कांग्रेस पार्टी में बदलते माहौल में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गांधी परिवार के बाद सबसे बड़े नेता बनकर उभरे है। ऐसा भारतीय जनता पार्टी के नेताओं तक का भी मानना है। स्वयं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तक गहलोत के राजनीतिक बयानों को गंभीरता से लेते है और कई बार उन्होंने जवाब भी दिए है। पिछले 4 सालों से कांग्रेस के माहौल में कई तरह के बदलाव हुए हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित कई बड़े नेताओं ने कांग्रेस से किनारा कर लिया और भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। कई नेताओं ने गांधी परिवार की खिलाफत भी की। ऐसे हालात में गहलोत गांधी परिवार के साथ रह कर पार्टी के प्रति अपनी वफादारी की एक बड़ी मिशाल पेश की, जिस तरह से गहलोत ने हर कदम पर कांग्रेस की मजबूती के लिए मेहनत की, वह दूसरे दलों के सामने भी मिशाल बनी।
गांधी परिवार की ढाल बने
यहीं नहीं गहलोत ने जिस तरह से राजस्थान में कांग्रेस की सरकार को बचाए रखा, वह भी अपने आप में कम नहीं है। वे करीब सवा दो साल से सियासी संकट का सामना करते हुए भी गांधी परिवार की ढाल बने हुए हैं, उससे सारा देश वाकिफ है। पिछले दिनों सोनिया गांधी और राहुल गांधी से की गई ईडी की पूछताछ के दौरान दिल्ली में डेरा डाले रहे, वह भी दूसरे दलों में चर्चा का विषय बना। पिछले दिनों नीति आयोग की बैठक में जिस ढंग से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गहलोत से संवाद किया, वह भी उनके कद को बढ़ाता है।
गांधी परिवार के प्रति वफादारी भी बढ़ी
अब जब कांग्रेस संगठन के चुनाव नजदीक है, ऐसे में कुछ लोगों की तरफ से अध्यक्ष के लिए गहलोत का नाम आगे कर रहे हैं। ऐसा जानबूझकर किया जा रहा है। कांग्रेस में गांधी परिवार के बाद गहलोत सबसे बड़े नेता के रूप में उभरे हैं, लेकिन यह भी सही है, कि उनकी गांधी परिवार के प्रति वफादारी भी बढ़ी है।
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