शहर के फुटपाथों पर अतिक्रमण का दंश, राहगीर सड़क पर चलने को मजबूर
दुकानदारों ने कर रखा कब्जा, कार्रवाई की दरकार , यूआईटी करोड़ों रुपए खर्च कर रहा, जनता फिर भी परेशान
शहर में नगर विकास न्यास की ओर से करोड़ों रुपए खर्च कर आमजन की सुविधा के लिए सड़क किनारे फुटपाथ तो बनाए जा रहे हैं। लेकिन वे सिर्फ कहने को फुटपाथ हैं चलने को नहीं। फुटपाथों पर अतिक्रमण हो रहा है जिसका लाभ दुकानदार उठा रहे हैं।
कोटा। शहर में नगर विकास न्यास की ओर से करोड़ों रुपए खर्च कर आमजन की सुविधा के लिए सड़क किनारे फुटपाथ तो बनाए जा रहे हैं। लेकिन वे सिर्फ कहने को फुटपाथ हैं चलने को नहीं। उन फुटपाथ का आमजन को लाभ भी नहीं मिल रहा है। फुटपाथों पर अतिक्रमण हो रहा है जिसका लाभ दुकानदार उठा रहे हैं। शहर को स्मार्ट बनाने के लिए नगर विकास न्यास द्वारा सभी जगहों पर सड़क किनारे फुटपाथ बनाए जा रहे हैं। जहां पहले से बने हुए हैं उन्हें तोड़कर नया बनाया जा रहा है। जहां नहीं हैं वहां नए फुटपाथ बनाए जा रहे हैं। जैसा कि नाम से ही विदित है फुटपाथ यानि पैदल चलने वालों का रास्ता। पैदल चलने वाले आमजन को सड़क के बीच नहीं जाना पड़े। वे फुटपाथ पर आसानी से चल सके। जहां उनके दुर्घटनाग्रस्त होने का भी कोई खतरा नहीं है। लेकिन हालत यह है कि शहर में कोई भी फुटपाथ ऐसा नहीं है जो पैदल चलने लायक हो। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत नयापुरा स्थित विवेकानंद चौराहे पर करवाए गए काम के साथ बनाए गए फुटपाथ हो या बूंदी रोड पर। डीसीएम रोड पर हो या 80 फीट रोड पर। बोरखेड़ा का क्षेत्र हो या पुलिस लाइन का। स्टेशन का क्षेत्र हो या नए कोटा का। सभी जगह के हालात एक जैसे हैं।
सीएडी रोड से लेकर नयापुरा चौराहे तक के फुटपाथ पर दुकानदारों ने कब्जा कर रखा है। निजी बस ट्रेवल्स एजेंट हो या फूल माला वाले। चाय की थड़ी हो या कचौरी समोसे के ठेले। हर फूटपाथ पर यही देखने को मिल रहे हैं। जबकि आमजन को सड़क के बीच ही चलने को मजबूर होना पड़ रहा है। नगर विकास न्यास द्वारा फुटपाथों को इतना चौड़ा बनाया जा रहा है जिससे दुकानदार अपने सामान उस पर आसानी से रख सके। नयापुरा समेत कई जगह के फुटपाथ पर तो भारी भरकम लोहे की रैलिंग भी लगाई गई है। उसका मकसद तो लोगों को सुरक्षित रखना था लेकिन दुकानदार न्यास अधिकारियों से एक कदम आगे निकले। दुकानदारों को अपनी दुकानों के सामान वहां तक फेलाकर रखने की जगह मिल गई। वर्तमान में शहर में एक भी फुटपाथ ऐसा नहीं है। जिस पर लोग पैदल चल सके। लक् खी बुर्ज से सीवी गार्डन तक के फुटपाथ पर फेरी वालों ने अपनी दुकानें लगाई हुई है। सीएडी रोड पर और 80 फीट रोड के फुटपाथ पर तो बांस बल्ली से पक्की दुकानें तक बना ली हैं। सीएडी रोड पर तो नगर निगम कोटा दक्षिण की तत्कालीन आयुक्त ने दीवार पर यहां तक लिखवा दिया था कि यहां अतिक्रमण करना गैर कानूनी है। ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उनके रहते तो वहां अतिक्रमण नहीं हुआ। लेकिन वर्तमान में वहां गणेश प्रतिमाएं बेचने वालों ने दुकानें लगा ली हैं।
सीएडी चौराहे से दादाबाड़ी के बीच मेन रोड के फूटपाथ पर भी अतिक्रमण हो रहा है। बीच के हिस्से के फुटपाथ ठेले वालों के पीछे दबे हुए हैं।
- कमलेन्द्र कुमार शर्मा, निवासी
न्यास द्वारा नए नए फुटपाथ बनाए जा रहे हैं। लेकिन वे सभी आमजन की जगह दुकानदारों के ही काम आ रहे हैं। फुटपाथ पर अतिक्रमण की यह बाढ़ लगातार बढ़ती ही जा रही है। दुकानदारों को पता है कि उनका कई कुछ नहीं कर सकता। जिससे उनके हौंसले बुलंद हो रहे हैं। नए बने फुटपाथ पर अतिक्रमण होने के बावजूद भी अभी तक न्यास के एक भी अधिकारी ने उन्हें रोकने या हटाने का प्रयास तक नहीं किया। जिससे फुटपाथ पर अतिक्रमण करने वालों के हौंसले बुलंद होते जा रहे हैं।
- दामोदर, निवासी
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