आंगनबाड़ी के जर्जर भवन में मासूमों पर मौत का साया

भवन की छत में आ रही है दरारें, खस्ताहाल भवन से हादसे का खतरा

आंगनबाड़ी के जर्जर भवन में मासूमों पर मौत का साया

कस्बे में पुराने प्राथमिक विद्यालय भवन जर्जर हो रहा है। इसी जर्जर भवन में आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 3 संचालित है। यह भवन खस्ताहाल है। छत की पट्टियों पर दरारें आ रही है। आंगनबाड़ी केंद्र में लगभग दो दर्जन बच्चे आते हैं। जर्जर भवन से बड़ा हादसा हो सकता है।

करवर। कस्बे में पुराना प्राथमिक विद्यालय भवन जर्जर हो रहा है। इसी जर्जर भवन में आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 3 संचालित है। यह भवन खस्ताहाल है। छत की पट्टियों पर दरारें आ रही है। आंगनबाड़ी केंद्र में लगभग दो दर्जन बच्चे आते हैं। जर्जर भवन से बड़ा हादसा हो सकता है। आंगनबाड़ी केन्द्र जिस कमरे मे संचालित है उसमें भी बरसाती पानी टपकता है। विभाग और पंचायत को इसकी जानकारी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा दी गई है लेकिन कमरों की मरम्मत नहीं कराई गई। पहले यहां पर शासकीय प्राथमिक स्कूल लगता था। लेकिन 2012 में यह स्कूल मिडिल स्कूल में मर्ज हो जाने की वजह से खाली हो गया। बाद में यह भवन पुलिस थाना स्वीकृत होने के बाद 14 अगस्त 2012 को पुलिस थाना करवर को किराए पर दे दिया। जिसका किराया अभी तक भी स्कूल को नहीं मिला। कुछ सालों तक पुलिस थाना रहा। बाद में 2014 में मिडिल स्कूल भी उच्च माध्यमिक स्कूल में मर्ज हो जाने से जरखोदा रोड पर स्थित स्कूल भवन में 2014 के बाद में पुलिस थाना इस भवन में स्थानांतरित हो गया।

इसी स्कूल भवन में आंगनबाड़ी संख्या तीन संचालित होने लगी लेकिन भवन की देखरेख के अभाव में ये जीर्ण शीर्ण होने लगा। अधिकतर कमरों और बरामदे की पट्टियां टूटी हुई है, जिससे बरसात के समय पूरी बिल्डिंग से पानी टपकता है। आंगनबाड़ी केंद्र में रखा हुआ सामान बरसाती पानी से खराब हो सकता है लेकिन प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। यह स्कूल भवन शिक्षा विभाग के अधीन होने से ग्राम पंचायत भी इस भवन का जीर्णोद्धार नहीं कराती। शिक्षा विभाग भी इस भवन की तरफ ध्यान नहीं दे पा रहा है। भवन में 7 कमरे हैं जो काम के नहीं बचे है। एक कमरे में आंगनबाड़ी केंद्र संचालित है। 2 कमरों में सीनियर सेकेंडरी स्कूल का अनुपयोगी फर्नीचर रखा हुआ है और एक कमरे में महात्मा गांधी स्कूल का। भवन पूरी तरह से खराब हालत में होने के कारण महात्मा गांधी स्कूल भी इस भवन का उपयोग नहीं कर सकता। क्योंकि कमरों की पट्टियां टूटी हुई है। जिससे कभी भी जनहानि होने की संभावनाएं बनी हुई है। भवन की छत पर देखरेख के अभाव में तीन-तीन फीट के पौधे उग आए हैं जिनकी जड़ें छत से होती हुई दीवारों पर आ गई और बरसात के पानी से पूरी बिल्डिंग की दीवारों पर सीलन आ चुकी है। दीवारें खराब होने लगी है।

आंगनबाड़ी केंद्र में लगभग दो दर्जन बच्चे आते हैं। आंगनबाड़ी भवन क्षतिग्रस्त हैं, जिसकी जानकारी ग्राम पंचायत एवं महिला बाल विकास विभाग को दी गई है। लेकिन मरम्मत नहीं कराई जा रही है। -शिला शर्मा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, करवर

एफएफसी मद में 15 प्रतिशत राशि शिक्षा विभाग और बाकी राशि ग्राम पंचायत के द्वारा इस भवन का जीर्णोद्धार कराकर भवन को उपयोगी बनाया जा सकता है। -पीईईओ और प्रधानाचार्य ब्रजगोपाल दीक्षित, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय ,करवर

 स्कूल भवन पूरी तरह से क्षतिग्रस्त अवस्था में है। इस भवन में बच्चों को पढा नहीं सकते हैं। पीईईओ करवर ने अस्थाई रूप से स्कूल भवन महात्मा गांधी स्कूल को दिया लेकिन स्कूल की पुरानी बिल्डिंग को स्थाई रूप से स्कूल को सुपुर्द कर देते है तो विभाग उसका काम कराकर बिल्डिंग को उपयोगी बनाकर स्कूल को काम में लिया जा सकता  है। -योगेन्द्र कुमार,प्रधानाध्यापक, महात्मा गांधी विद्यालय, करवर

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