ईस्टर्न कैनाल प्रोजेक्ट को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने में हो रही राजनीति , सीएम गहलोत ने केंद्र पर लगाया आरोप

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने कोटा आए मुख्यमंत्री ने की मीडिया से बातचीत

ईस्टर्न कैनाल प्रोजेक्ट को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने में हो रही राजनीति , सीएम गहलोत ने केंद्र पर लगाया आरोप

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि ईस्टर्न कैनाल प्रोजेक्ट के मामले में केंद्र सरकार राजस्थान के साथ राजनीति कर रही है । पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के समय में बनी इस योजना को कांग्रेस सरकार आने के बाद राष्ट्रीय परियोजना घोषित नहीं किया जा रहा है।

कोटा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि ईस्टर्न कैनाल प्रोजेक्ट के मामले में केंद्र सरकार राजस्थान के साथ राजनीति कर रही है। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के समय में बनी इस योजना को कांग्रेस सरकार आने के बाद राष्ट्रीय परियोजना घोषित नहीं किया जा रहा है। मुख्यमंत्री गहलोत ने केंद्र सरकार पर यह आरोप गुरुवार को कोटा में मीडिया से बातचीत के दौरान लगाए। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कोटा जिले समेत हाडौती के सभी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई निरीक्षण करने पहुंचे थे। जयपुर से रवाना होने के बाद बूंदी होते हुए मुख्यमंत्री कोटा पहुंचे। यहां उन्होंने कोटा जिले के सांगोद, इटावा समेत ग्रामीण क्षेत्रों में बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों का हेलीकॉप्टर से हवाई निरीक्षण किया। इस दौरान स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल, पीपल्दा विधायक रामनारायण मीणा और सांगोद विधायक भरत सिंह भी उनके साथ हेलीकॉप्टर में थे।

हवाई निरीक्षण के बाद मुख्यमंत्री ने नयापुरा स्थित मोंटेसरी स्कूल में बनाए गए आश्रय स्थल में रहने वाले बाढ़ प्रभावित लोगों से मुलाकात की और उनसे समस्याओं को सुना। इसके बाद अधिकारियों को निर्देश दिए कि वहां किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। कोटा से बारां और झालावाड़ जाते समय एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि चंबल नदी में हर साल मध्य प्रदेश के गांधी सागर बांध का पानी छोड़ा जाता है। जिसकी वजह से कोटा, बूंदी, बारां समेत धौलपुर तक के जिलों में बाढ़ का खतरा बना रहता है। हर साल काफी नुकसान भी होता है। खेतों में खड़ी फसलों, पशुओं, मकानों को नुकसान से बचाने के लिए ईस्टर्न कैनल प्रोजेक्ट योजना बनी थी। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के समय बनी इस योजना को केंद्र सरकार अभी तक भी राष्ट्रीय परियोजना घोषित नहीं कर रही है। जबकि मध्य प्रदेश और राजस्थान सरकार के बीच समझौता हो चुका है। लेकिन राजस्थान में कांग्रेस की सरकार आने के कारण इस मामले में राजनीति की जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि रिफाइनरी के मामले में भी केंद्र सरकार ने राजनीति की जिसके चलते 5 साल देरी से पूरी हो सकी।

मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि बाढ़ से कोटा जिला समेत संभाग में काफी नुकसान हुआ है। लोगों के घरों, पशुओं और फसलों के हुए नुकसान का सर्वे कराया जाएगा। उसके बाद नियमानुसार लोगों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। इधर गहलोत के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने के मीडिया के सवाल पर गहलोत ने कोई जवाब नहीं दिया और नमस्कार कहकर टाल दिया। इससे पहले कोटा एयरपोर्ट पर पहुंचने पर मंत्री शांति धारीवाल, चिकित्सा और जिले के प्रभारी मंत्री परसादी लाल मीणा ,पशुपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया, विधायक रामनारायण मीणा, भरत सिंह, महापौर मंजू मेहरा, राजीव अग्रवाल, उपमहापौर, शहर कांग्रेस अध्यक्ष रविंद्र त्यागी के अलावा कई अन्य जनप्रतिनिधियों और आईजी प्रसन्न कुमार खमेसरा ,एसपी केसर सिंह शेखावत ,जिला कलेक्टर ओमप्रकाश बुनकर समेत कई अन्य अधिकारियों ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया।

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