झारखंड सीएम सोरेन की विधानसभा सदस्यता रद्द
चुनाव आयोग की रिपोर्ट पर राज्यपाल ने लिया फैसला
सदस्यता रद्द करने के कारण सोरेन को मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ेगी। वे वरहेट विधानसभा क्षेत्र से सदस्य है। सोरेन को पद का गलत इस्तेमाल कर अपने नाम खनन लीज पर लेने का आरोप है। राज्यपाल के फैसले के बाद सत्तारूढ़ गठबंधन यूपीए की बैठक सीएम आवास पर हुई जिसमें आगामी रणनीति पर चर्चा की गई।
रांची। ऑफिस ऑ प्रोफिट मामले में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता रद्द हो गई है। सूत्रों की मानें तो, राज्यपाल रमेश बैस ने चुनाव आयोग की रिपोर्ट के बाद सदस्यता रद्द करने की चुनाव आयोग को अभिशंसा कर दी है। हालांकि राज्यपाल की तरफ से इसकी पुष्टि नहीं की गई है। सोरेन को डिबार करने के संबंध में अभी कोई फैसला नहीं हुआ है। राज्यपाल को अपने फैसले की जानकारी चुनाव आयोग को देंगे। इसके बाद चुनाव आयोग अधिसूचना जारी करेगा। इसकी जानकारी विधानसभा अध्यक्ष के साथ प्रदेश के मुख्य चुनाव आयुक्त को भी दी जाएगी। राज्यपाल ने कानूनी विशेषज्ञों से विमर्श करने के बाद अपना फैसला दिया। सदस्यता रद्द करने के कारण सोरेन को मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ेगी। वह वरहेट विधानसभा क्षेत्र से सदस्य है। सोरेन को पद का गलत इस्तेमाल कर अपने नाम खनन लीज पर लेने का आरोप है।
राज्यपाल के फैसले के बाद सत्तारूढ़ गठबंधन यूपीए की बैठक सीएम आवास पर हुई जिसमें आगामी रणनीति पर चर्चा की गई। बैठक में सभी विधायकों ने एकजुटता दिखाते हुए कहा कि उनकी सरकार पर कोई खतरा नहीं है। इससे पूर्व सोरेन ने कहा कि केंद्र सरकार देश में दमनकारी नीति चला रही है।राज्य में हमारी सरकार काम कर रही है। हमें ईडी, सीबीआई जैसी एजेंसियों से डराया जा रहा है। सोरेन ने 29 दिसम्बर, 2019 को शपथ ली थी। उनका कार्यकाल अभी सोलह माह बचा था। राजनीतिक क्षेत्रों में चर्चा है कि सोरेन अपनी पत्नी कल्पना को मुख्यमंत्री बना सकते हैं।
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