मंत्रिमंडल की बैठक में अनेक फैसले 

राजकीय नियुक्तियों के रास्ते खोले गए है

मंत्रिमंडल की बैठक में अनेक फैसले 

पंचायतीराज एलडीसी भर्ती-2013 के 4000 पदों को भरने की कार्रवाई आगे बढ़ाकर और शिथिलन देकर राजकीय नियुक्ति का इंतजार कर रहे युवाओं को सौगात दी है।

जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में युवाओं के हितों में अनेक अहम फैसले लिए गए। इनमें जहां ईडब्ल्यूएस की आयु सीमा छूट के प्रावधानों में 4 सेवा नियमों को जोड़कर राजकीय नियुक्तियों के रास्ते खोले गए है। पंचायतीराज एलडीसी भर्ती-2013 के 4000 पदों को भरने की कार्रवाई आगे बढ़ाकर और शिथिलन देकर राजकीय नियुक्ति का इंतजार कर रहे युवाओं को सौगात दी है। मंत्रिमंडल ने राजस्थान सोशल एंड परफार्मेंस ऑडिट अथॉरिटी के गठन, शहीद रक्षा कार्मिकों के आश्रितों के नवीन नियुक्ति नियम जारी करने, राजस्थान हस्तशिल्प नीति जारी करने, मेंटेनेंस मॉडल के अंतर्गत संचालित करने, राजस्थान इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड लर्निंग को कंपनी अधिनियम में स्थापित करने तथा विभिन्न सेवा नियमों में संशोधन सहित कई अहम निर्णय लिए। 

हस्तशिल्पियों के उत्थान के लिए किए जाएंगे कार्य 
राजस्थान सोशल एंड परफार्मेंस ऑडिट अथॉरिटी के गठन के निर्णय से राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं में सार्वजनिक जवाबदेही के साथ ही पारदर्शिता, जनसहभागिता, जनसंतुष्टि व गुणवत्ता सुनिश्चित हो सकेगी। राजकीय विभागों तथा उपक्रमों व योजनाओं तथा कार्यक्रमों को लागू करने वाली अन्य एजेंसीज के कार्य निष्पादन का आंकलन भी हो सकेगा। राजस्थान हस्तशिल्प नीति-2022 से हस्तशिल्पियों के उत्थान में कार्य किए जाएंगे। उन्हें सशक्त बनाते हुए राज्य के विकास में भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। प्रदेश में रोजगार के नए अवसर बढ़ेंगे। विलुप्त होती हस्तकलाओं को पुनर्जीवित किया जाएगा। प्रत्येक वर्ष दिसंबर में राष्ट्रीय स्तर के हस्तशिल्प सप्ताह का आयोजन होगा, जिसमें हस्तशिल्पियों को पुरस्कृत किया जाएगा। 

शहीद आश्रितों की नियुक्ति नियमों में संशोधन
मंत्रिमंडल ने राजस्थान शहीद रक्षा कार्मिकों के आश्रितों की नियुक्ति नियमों में अहम संशोधन कर राहत दी है। राजस्थान शहीद रक्षा कार्मिकों के आश्रितों की नियुक्ति नियम को निरस्त कर नए नियम राजस्थान शहीद रक्षा कार्मिकों के आश्रितों की नियुक्ति नियम को स्वीकृति दी है। 1970 की अवधि के शहीदों के एक आश्रित को राजकीय सेवा में नियोजित करने का प्रावधान है। इसे अब बढ़ाकर 31 दिसंबर, 1971 तक की अवधि कर दी है। इससे 1971 के युद्ध में शहीद हुए जवानों के परिजनों को भी लाभ मिल सकेगा। 

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