चीन के चलते इस छोटे से देश ने नहीं दी अमेरिका और ब्रिटेन के जहाजों को अपने बंदरगाह में आने की मंजूरी
सोलोमन आइलैंड्स फिर एक बार दुनियाभर की मीडिया की सुर्खियां बना हुआ है
अमेरिका ने उम्मीद जताई है कि जल्द ही सोलोमन उसके जहाजों के को अपने यहां पर आने की अनुमति दे देगा। आपको बता दें कि इसी वर्ष मई में सोलोमन और चीन के बीच एक रणनीतिक करार हुआ था।
वाशिंगटन/लंदन। सोलोमन आइलैंड्स फिर एक बार दुनियाभर की मीडिया की सुर्खियां बना हुआ है। इसकी वजह है उसके द्वारा अमेरिकी और ब्रिटेन के कोस्ट गार्ड के जहाजों को अपने बंदरगाह पर आने की इजाजत न देना है। दरअसल, पिछले दिनों अमेरिकी कोस्ट गार्ड के एक शिप आलिवर हैनरी और ब्रिटेन की नेवी के शिप एचएमएस स्पे को रिफ्यूलिंग के लिए सोलोमन के बंदरगाह पर आना था। इसके लिए सोलोमन की सरकार से संपर्क किया गया था, लेकिन वहां से कोई जवाब नहीं दिया गया। इसकी पुष्टि यूएस कोस्ट गार्ड की पीआरओ क्रिस्टीन कैम ने की है। उन्होंने बताया कि सोलोमन ने यूएस शिप से मिली डिप्लोमेटिक क्लीयरेंस का कोई जवाब नहीं दिया। अमेरिका का मानना है कि चीन के दबाव में आकर सोलोमन सरकार ने ये कदम उठाया है। अमेरिका ने उम्मीद जताई है कि जल्द ही सोलोमन उसके जहाजों के को अपने यहां पर आने की अनुमति दे देगा। आपको बता दें कि इसी वर्ष मई में सोलोमन और चीन के बीच एक रणनीतिक करार हुआ था। इसके तहत सोलोमन ने चीन के नेवी के जहाजों को अपने यहां पर लंगर डालने की इजाजत दी थी। पूरी दुनिया को इस बात की आशंका है कि चीन यहां पर अपना सैन्य बेस बनाना चाहता है। हालांकि चीन और सोलोमन की तरफ से इसको लेकर खड़न किया जा चुका है। यूएस कोस्ट गार्ड की पीआरओ का कहना है कि आलिवर हैनरी रूटीन के तहत सोलोमन आइलैंड्स जाना था। चीन से रिश्तों के बाद से अमेरिका और सोलोमन के रिश्तों में गिरावट आई है। सोलोमन आईलैंड्स दक्षिण प्रशांत महासागर में स्थित है।
Comment List