पार्टी हित में कही अपनी बात पर हूं अडिग, गहलोत को बनना चाहिए राष्ट्रीय अध्यक्ष : सोलंकी
कुछ विधायक पीछे से पायलट को मुख्यमंत्री बनाने का समर्थन करते है
सोलंकी ने कहा कि राजस्थान में एससी-एसटी और अल्पसंख्यक वोटों के बल पर सरकार बनी थी। उन लोगों को सत्ता और संगठन में महत्व और मान सम्मान मिलना चाहिए।
जयपुर। कांग्रेस को लेकर दिए बयान पर पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा की चेतावनी के बाद विधायक वेद प्रकाश सोलंकी अभी भी अपनी बात पर अडिग है। सोलंकी ने कहा कि मैंने पार्टी हित में अपनी बात कही है। सही बात करना अगर बगावत है, तो मैं बागी हूं। सोलंकी ने कहा कि राजस्थान में एससी-एसटी और अल्पसंख्यक वोटों के बल पर सरकार बनी थी। उन लोगों को सत्ता और संगठन में महत्व और मान सम्मान मिलना चाहिए। यह बात हम पार्टी फोरम पर भी कह चुके है। दिल्ली में वरिष्ठ नेताओं के समक्ष भी इस बात को दोहरा चुके है कि राजस्थान के सचिन पायलट को लोग मुख्यमंत्री देखेंगे। कुछ विधायक खुलकर सचिन पायलट के पक्ष में बोलते हैं। कुछ विधायक पीछे से पायलट को मुख्यमंत्री बनाने का समर्थन करते है। सभी की मंशा है कि सचिन पायलट को मुख्यमंत्री होना चाहिए, क्योंकि अगले चुनाव के विधानसभा चुनाव में जीत का फार्मूला केवल पायलट ही है। पायलट को मुख्यमंत्री नहीं बनाया तो राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी को बड़ा नुकसान उठाना पड़ेगा। पायलट को लेकर जनता में करंट है, बदलाव सतत प्रक्रिया है और बदलाव होना चाहिए अगर बदलाव होगा तो इसका फायदा पार्टी को मिलेगा।
गहलोत बने राष्ट्रीय अध्यक्ष
सोलंकी ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनना चाहिए, क्योंकि उन्हें संगठन चलाने का लंबा अनुभव है। वह 3 बार पीसीसी चीफ, 3 बार केंद्रीय मंत्री और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रह चुके है। पायलट को मुख्यमंत्री बनाकर अशोक गहलोत को राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद संभालना चाहिए। इसका लाभ भी पार्टी को होगा।
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